ट्रेन नहीं इसे होटल कहिए जनाब, डीलक्स बाथरूम के साथ हाईटेक फैसिलिटी भी

रेलवे ने काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस की एसी फस्ट का कलेवर बदला। चंडीगढ़ एक्सप्रेस भी हुई उत्कृष्ट, दो और ट्रेनें जल्द।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Fri, 25 Jan 2019 04:54 PM (IST) Updated:Sun, 27 Jan 2019 09:04 AM (IST)
ट्रेन नहीं इसे होटल कहिए जनाब, डीलक्स बाथरूम के साथ हाईटेक फैसिलिटी भी
ट्रेन नहीं इसे होटल कहिए जनाब, डीलक्स बाथरूम के साथ हाईटेक फैसिलिटी भी

लखनऊ, जेएनएन। होटल की तरह आकर्षक इंटीरियर, आधुनिक शौचालय और मोहन पेंटिंग वाली गैलरी। अब आप ट्रेन में सफर करेंगे तो आपको किसी बड़े होटल की तरह अनुभूति होगी। उत्तर रेलवे की पहली ट्रेन चंडीगढ़ एक्सप्रेस को आकर्षक बना दिया गया है। इस ट्रेन का रंग भी बदला गया है। कनवेंशनल बोगियों को क्रीम रंग में बदला गया है। जबकि नई दिल्ली जाने वाली काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस की एसी फस्र्ट बोगी में भी होटल की तरह सुविधाएं मुहैया करा दी गई हैं। मार्च तक पद्मावत एक्सप्रेस, फैजाबाद दिल्ली एक्सप्रेस और फिर जनता एक्सप्रेस की बोगियों को भी बदला जाएगा।

डीआरएम सतीश कुमार की मौजूदगी में रेलवे कर्मचारी मोहम्मद वसी और खलासी रामयज्ञ शुक्ल ने शुक्रवार को उत्कृष्ट प्रोजेक्ट के तहत चंडीगढ़ एक्सप्रेस रैक का उद्घाटन किया। डीआरएम ने बताया कि सभी बोगियों के शौचालय की फ्लोङ्क्षरग को आधुनिक इपाक्सी मैटेरियल से बनाया गया है। इससे शौचालय में पानी जमा नहीं होगा, साथ ही जंक भी नहीं लगेगा।

आरडीएसओ के बनाए गए धातुओं से वॉश बेसिन बनाया गया है। साथ ही महंगी जागुआर की फीटिंग, लिक्विड सोप डिस्पेंसर, ऑटोमेटिक हाइजीन कंट्रोल सिस्टम, एलईडी लाइट, विनायल रैपिंग से कोच टॉयलेट बोगी की शोभा बढ़ाता है। वरिष्ठ मंडल यांत्रिक अभियंता कैरिज व वैगन कौस्तूभ मणि ने बताया कि एक रैक पर 60 लाख रुपये का खर्च आया है।  

काशी विश्वनाथ भी बदली

वाराणसी से नई दिल्ली के बीच चलने वाली काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस की एसी फस्र्ट बोगी की भीतरी डिजाइन बदली गई है। भीतर लगी फोटो वाराणसी के गंगा तट की खूबसूरती बयां करती है। गैलरी में भी पेंटिंग की गई है। शौचालय आधुनिक हुए हैं।

...खूबसूरती पर न लगे दाग

रेलवे ने तीन साल पहले महामना एक्सप्रेस को संवारा था। तब महंगे शीशे और टोटियां चोरी हो गई थीं। इसके बाद गोमती एक्सप्रेस का भी ऐसा ही हाल हुआ। डीआरएम सतीश कुमार ने कहा कि लोगों को जागरूक होने की जरूरत है। यदि वह चंडीगढ़ एक्सप्रेस में लगे सामानों को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे तो उनका सफर बहुत ही आनंदमयी और आरामदायक होगा। रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर सजा भी हो सकती है।

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