यूपी के परिषदीय स्कूलों में अब 15 दिनों का शीतकालीन अवकाश, गर्मी की छुट्टियों में 15 दिनों की कटौती

उत्तर प्रदेश में शैक्षिक सत्र 2021-22 से परिषदीय विद्यालयों में 31 दिसंबर से 14 जनवरी तक 15 दिनों के लिए जाड़े की छुट्टियां होंगी।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Sun, 16 Aug 2020 06:35 PM (IST) Updated:Sun, 16 Aug 2020 06:35 PM (IST)
यूपी के परिषदीय स्कूलों में अब 15 दिनों का शीतकालीन अवकाश, गर्मी की छुट्टियों में 15 दिनों की कटौती
यूपी के परिषदीय स्कूलों में अब 15 दिनों का शीतकालीन अवकाश, गर्मी की छुट्टियों में 15 दिनों की कटौती

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में शैक्षिक सत्र 2021-22 से परिषदीय विद्यालयों में 31 दिसंबर से 14 जनवरी तक 15 दिनों के लिए जाड़े की छुट्टियां होंगी। वहीं गर्मी की छुट्टियों में 15 दिनों की कटौती करते हुए ग्रीष्मावकाश के बाद 16 जून से स्कूल खुल जाएंगे। अभी तक गर्मी की छुट्टियों के बाद स्कूल एक जुलाई को खुलते थे। मिशन प्रेरणा के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने टाइम एंड मोशन स्टडी में प्राप्त विश्लेषण के आधार पर परिषदीय स्कूलों में बेहतर शैक्षिक वातावरण देने के लिए नये सिरे से शैक्षिक कार्यावधि निर्धारित की है। इसका उद्देश्य है कि शिक्षक बच्चों को सिखाने-पढ़ाने में ज्यादा समय बितायें। इस मकसद से बेसिक शिक्षा विभाग ने शासनादेश जारी कर दिया है।

शासनादेश के अनुसार परिषदीय स्कूलों के शैक्षिक सत्र में न्यूनतम 240 दिन पढ़ाई होगी। पहली अप्रैल से 30 सितंबर तक स्कूल सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक संचालित होंगे। इस दौरान प्रार्थना सभा/योगाभ्यास के लिए सुबह आठ से 8.15 बजे तक का समय निर्धारित किया गया है। एक अक्टूबर से 31 मार्च तक स्कूलों का समय सुबह नौ से दोपहर तीन बजे तक होगा जिसमें प्रार्थना सभा व योगाभ्यास सुबह नौ से 9.15 बजे तक होगा। एक अप्रैल से 30 सितंबर तक मध्यावकाश सुबह 10.15 से 10.45 बजे और पहली अक्टूबर से 31 मार्च तक 11.55 से 12.25 बजे तक होगा। मध्यावकाश के दौरान ही मिड डे मील बांटने का काम पूरा करना होगा

हर दो हफ्ते में होगा बच्चों का टेस्ट : प्रत्येक दो सप्ताह में बच्चों का यूनिट एसेसमेंट टेस्ट के माध्यम से मूल्यांकन किया जाएगा ताकि बच्चों में हो रहे सुधार के आधार पर रेमेडियल टीचिंग और आवश्यक कार्यवाही की जा सके। हर शिक्षक को अनिवार्य रूप से शिक्षक डायरी बनाए बनानी होगी जिसमें उन्हें साप्ताहिक प्रगति और अगले हफ्ते की कार्ययोजना तैयार करनी होगी। सपोर्टिव सुपरविजन के दौरान एकेडमिक रिसोर्स पर्सन और स्टेट रिसोर्स ग्रुप द्वारा शिक्षक डायरी को देखा जाएगा।

शिक्षण अवधि में स्कूल नहीं छोड़ेंगे शिक्षक : स्कूल अवधि में शिक्षक विद्यालय के किसी भी काम से स्कूल परिसर से बाहर नहीं जायेंगे। शिक्षण अवधि में छुट्टी मंजूर कराने और अधिष्ठान से जुड़े कार्यों के लिए ब्लॉक या जिला स्तरीय कार्यालय में उनका जाना प्रतिबंधित होगा। न ही स्कूल अवधि में वे शिक्षकों और शिक्षक संगठनों की गतिविधियों में शामिल हो सकेंगे। विद्यालय अवधि में किसी भी विभाग से संबंधित हाउस होल्ड सर्वे नहीं कराया जाएगा। शिक्षण अवधि में कोई भी रैली, प्रभात फेरी, मानव श्रृंखला, नवाचार गोष्ठी आदि आयोजित नहीं किये जाएंगे।

40 नहीं अब 14 रजिस्टर : परिषदीय विद्यालयों में अभी 40 प्रकार के रजिस्टर इस्तेमाल किये जा रहे हैं। इनकी जगह अब तत्काल प्रभाव से सिर्फ 14 प्रकार के रजिस्टर का उपयोग किया जाएगा।

क्या है टाइम एंड मोशन स्टडी : टाइम एंड मोशन स्टडी कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए साइंटिफिक मैनेजमेंट का एक औजार है जिसका इस्तेमाल उद्योग और कॉरपोरेट जगत में किया जाता है। इसमें किसी कार्य के छोटे-छोटे हिस्सों को न्यूनतम समय में संपादित करने पर जोर दिया जाता है।

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