लखनऊ नगर क्षेत्र के 22 परिषदीय विद्यालयों में नहीं शिक्षक, बुलाए गए बच्चे तो कैसे चलेंगी कक्षाएं

लखनऊ नगर क्षेत्र में आलम यह है कि यहां जोन एक-दो तीन और चार में करीब 254 विद्यालय हैं। जिसमें 22 विद्यालयों में एक भी शिक्षक नहीं हैं जबकि 69 विद्यालयों में एकल शिक्षक (पूरे विद्यालय में एक शिक्षक) की व्यवस्था है।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Mon, 05 Oct 2020 11:34 AM (IST) Updated:Mon, 05 Oct 2020 11:34 AM (IST)
लखनऊ नगर क्षेत्र के 22 परिषदीय विद्यालयों में नहीं शिक्षक, बुलाए गए बच्चे तो कैसे चलेंगी कक्षाएं
लखनऊ : 254 विद्यालय, 22 में शिक्षक ही नहीं और 69 में एकल शिक्षक व्यवस्था।

लखनऊ [सौरभ शुक्ला]। शासन की ओर से जहां 15 अक्टूबर को माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षण कार्य शुरू करने के लिए बच्चों को बुलाए जाने की तैयारी की जा रही है। वहीं, राजधानी के नगर क्षेत्र स्थित परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की बड़ी संख्या में कमी है। ऐसे में अगर परिषदीय विद्यालयों में भी सीनियर क्लास के बच्चों को बुलाया जाता है तो उनकी कक्षाएं कैसे चलेंगी, कैसे मानक के अनुरूप उनका कोर्स पूरा होगा और भविष्य कैसे सुधरेगा। यह एक बड़ा सवाल है। 

नगर क्षेत्र में आलम यह है कि यहां जोन एक-दो, तीन और चार में करीब 254 विद्यालय हैं। जिसमें 22 विद्यालयों में एक भी शिक्षक नहीं हैं, जबकि 69 विद्यालयों में एकल शिक्षक (पूरे विद्यालय में एक शिक्षक) की व्यवस्था है। कई ऐसे विद्यालय जहां शिक्षक नहीं हैं वहां दूसरे विद्यालय के शिक्षामित्र भेजे जाते हैं। 

इन प्राथमिक विद्यालयों में नहीं शिक्षक 

जोन एक - अमीनाबाद, आजादनगर, बाजार झाऊलाल, बेहसा-एक, बेहसा-दो, मुक्ति खेड़ा।  जोन दो - चक्कर पुरवा, धनेहर खेड़ा, गौरी खेड़ा-एक, गौरी दो, गोदौंदा, हैवतमऊ मवैया, हसनपुरिया।  जोन तीन - कुंडरी रकाबगंज, मार्टिन पुरवा, लोकमान गंज, मारवाड़ी गली, मटियारी, नया गदौरा, रानीगंज।  जोन चार -  शंकर पुरवा, उदयगंज। 

एकल शिक्षक व्यवस्था 

- जोन एक के 20 विद्यालयों में। 

- जोन दो के 19 विद्यालयों में। 

- जोन तीन के 20 विद्यालयों में। 

- जोन चार के 10 विद्यालयों में। 

कई विद्यालयों के बच्चों को दूसरे में भेजे जाने की व्यवस्था 

शिक्षकों की कमी के कारण प्राथमिक विद्यालय पिपरा घाट के बच्चे कैबिनेटगंज प्राथमिक विद्यालय भेजे जाने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा दुबग्गा समेत कई इलाकों में ऐसे विद्यालय हैं जिनके बच्चे दूसरे विद्यालय जाएंगे। 

क्या कहते हैं बीएसए? 

बीएसए दिनेश कुमार के मुताबिक, नगर क्षेत्र में शिक्षकों की कमी है। यहां सीधे पोस्टिंग का कोई प्राविधान नहीं है। यह शासन की व्यवस्था है। जहां, शिक्षक नहीं हैं वहां पर अन्य विद्यालयों को शिक्षकों को भेजकर विद्यालय खोले जा रहे हैं। 

क्या कहते हैं उत्तर प्रदेश शिक्षाधिकारी प्रदेश अध्यक्ष ?

उत्तर प्रदेश शिक्षाधिकारी प्रदेश अध्यक्ष खंड प्रवीण शुक्ला के मुताबिक, जब शिक्षकों की भर्ती बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा की जाती है तो ऐसे में नगर और ग्रामीण का कैडर अलग-अलग न होकर शासन को उसे एक कर देना चाहिए। इससे यह होगा कि जहां जितने स्वीकृत पद हैं वहां पर उसी के अनुसार तैनाती कर दी जाएगी। दोनों की अगल-अगल भर्ती नहीं करनी पड़ेगी। 

क्या बोले प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष?

प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष प्राथमिक शिक्षक विनय कुमार सिंह ने बताया कि 45 फीसद विद्यालय ऐसे हैं जहां या तो शिक्षक नहीं हैं या फिर एकल शिक्षक की व्यवस्था है। शासन को नगर क्षेत्र की सेवा नियमावली में संशोधन करते हुए बिना ज्येष्ठा खोये ग्रामीण क्षेत्रों के शिक्षकों नगर क्षेत्र में समायोजित करना चाहिए। इसके अलावा करीब 11 साल से भर्ती भी नहीं हुई। 

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