निर्मोही अखाड़ा ने मांगा रामजन्मभूमि पर पूजा-पाठ का अधिकार, ट्रस्‍ट की पहली बैठक में रखेंगे प्रस्‍ताव

19 फरवरी को श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की बैठक में महंत दिनेंद्रदास रखेंगे अखाड़े का प्रस्ताव। मंदिर निर्माण ट्रस्ट में सरपंच उप सरपंच एवं पांच पंचों के लिए मांगी जगह।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Thu, 13 Feb 2020 07:55 PM (IST) Updated:Fri, 14 Feb 2020 07:27 AM (IST)
निर्मोही अखाड़ा ने मांगा रामजन्मभूमि पर पूजा-पाठ का अधिकार, ट्रस्‍ट की पहली बैठक में रखेंगे प्रस्‍ताव
निर्मोही अखाड़ा ने मांगा रामजन्मभूमि पर पूजा-पाठ का अधिकार, ट्रस्‍ट की पहली बैठक में रखेंगे प्रस्‍ताव

अयोध्या, जेएनएन। मंदिर निर्माण के लिए गठित श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेंद्रदास को शामिल किए जाने का अखाड़ा के सरपंच राजा रामचंद्राचार्य व उपसरपंच महंत नरस‍िंंहदास सहित अखाड़ा के अनेक पंचों ने स्वागत किया। मौका, अखाड़ा के पंचों की बैठक का था। बैठक में अखाड़ा के 13 पंचों में से सात उपस्थित रहे। 

सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया 19 फरवरी को श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की पहली बैठक में महंत दिनेंद्रदास निर्मोही अखाड़े के पंचों का प्रस्ताव रखेंगे। गुरुवार को अखाड़ा के पंचों की बैठक में यह प्रस्ताव पास हुआ कि निर्मोही अखाड़ा 1528 से रामजन्मभूमि पर पूजा-पाठ का कार्य कर रहा था। इसलिए ट्रस्ट निर्मोही अखाड़ा को पूजा पाठ का अधिकार सौंपे। यह निर्णय किया गया कि निर्मोही अखाड़ा एक पंचायती अखाड़ा है, इसलिए कम से कम एक सरपंच एक उपसरपंच और पांच पंचों को श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में स्थान दिया जाय। यानी ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़ा के कुल सात सदस्यों को प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए।

दिनेंद्रदास पहले से सदस्य हैं, जबकि अन्य छह सदस्य के रूप में अखाड़ा की ओर से सरपंच राजा रामचंद्राचार्य, उपसरपंच नरस‍िंह दास एवं पंच महंत घनश्यामदास, महंत भगवानदास, महंत रामसुरेशदास और महंत रामस्वरूपदास का नाम प्रस्तावित किया गया। महंत दिनेंद्रदास ने बताया कि निर्मोही अखाड़ा पंचायती अखाड़ा है। पंचों ने जो प्रस्ताव पास किया है, उसे मैं 19 फरवरी की बैठक में ट्रस्ट के सदस्यों के सामने रखूंगा और पंचों के निर्णय से ट्रस्ट को अवगत कराऊंगा।

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