नसीमुद्दीन सिद्दीकी को बसपा ने किया उत्तर प्रदेश से बाहर

उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में इस बार दलित तथा मुस्लिम के गठजोड़ के साथ उतरी बहुजन समाज पार्टी के दयनीय प्रदर्शन का ठीकरा सिद्दीकी के सिर पर फोड़ा गया है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Thu, 20 Apr 2017 04:07 PM (IST) Updated:Thu, 20 Apr 2017 07:19 PM (IST)
नसीमुद्दीन सिद्दीकी को बसपा ने किया उत्तर प्रदेश से बाहर
नसीमुद्दीन सिद्दीकी को बसपा ने किया उत्तर प्रदेश से बाहर

लखनऊ (जेएनएन)। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती की आंख के तारे रहे पार्टी के कद्दावर नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी का ओहदा व रुतबा कम कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार दलित तथा मुस्लिम के गठजोड़ के साथ उतरी बहुजन समाज पार्टी के दयनीय प्रदर्शन का ठीकरा सिद्दीकी के सिर फोड़ा गया है।  नसीमुद्दीन सिद्दीकी को उत्तर प्रदेश के प्रभारी के पद से हटाकर मध्य प्रदेश का प्रभारी बनाया गया है। इसके साथ ही नसीमुद्दीन सिद्दीकी से टिकट वितरण का अधिकार सहित अन्य सभी पद वापस लिए गए हैं। सिद्दीकी को सभी पदों से हटा दिया गया है। वह अब सिर्फ पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के पद पर बने रहेंगे।

विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने पार्टी संगठन में बड़े पैमाने पर फेरबदल किया है। पार्टी की भाईचारा के साथ ही मंडल, सेक्टर व बूथ कमेटियों को भंग कर दिया गया है। कई जोन की व्यवस्था खत्म करते हुए प्रदेश को सिर्फ दो जोन में बांटकर आठ-आठ जोन कोआर्डिनेटर बनाये गए हैं। उलटफेर की खास बात यह है कि पार्टी के मुस्लिम चेहरा माने जाने वाले नसीमुद्दीन सिद्दीकी का रुतबा जहां घटाया गया है वहीं राम अचल राजभर और डा.अशोक सिद्धार्थ का कद बढ़ा है। बसपा प्रमुख ने फिर से पार्टी का महानगर अध्यक्ष बनाए जाने की भी फैसला किया है।

विधानसभा चुनाव में बेहद खराब प्रदर्शन के बाद से ही संगठन में फेरबदल की चर्चाएं शुरू हो गईं थी। 11 मार्च को नतीजे आने के लगभग सवा माह बाद मायावती ने कल पार्टी के नीचे से ऊपर तक के पदाधिकारियों की पार्टी मुख्यालय में बैठक बुलाई थी। पहले सभी पदाधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद देर शाम तक प्रमुख पदाधिकारियों के साथ मायावती ने बैठक की। शाम की बैठक में बसपा प्रमुख ने संगठन में फेरबदल की जानकारी दी।

संगठन में बदलाव की अधिकृत तौर पर तो जानकारी नहीं दी गई है लेकिन, सूत्रों के मुताबिक बसपा प्रमुख ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी को उत्तर प्रदेश से बाहर करते हुए मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ का दायित्व सौंपा है। हालांकि, सिद्दीकी लखनऊ मंडल के कोआर्डिनेटर बने रहेंगे और विधान परिषद सदस्य होने के नाते सदन की बैठक में भाग लेने के लिए यहां प्रवास के दौरान ही मंडल का काम देखेंगे। 

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