बीएचयू के शताब्दी दीक्षांत में मोदी ने दी युवाओं को चुनौतियां

काशी हिंदू विश्वविद्यालय में शताब्दी दीक्षांत संबोधन के दौरान उपाधि प्राप्त करने वाले युवाओं के समक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई खोज करने की चुनौतियां रखीं।

By Nawal MishraEdited By: Publish:Mon, 22 Feb 2016 07:16 PM (IST) Updated:Mon, 22 Feb 2016 11:43 PM (IST)
बीएचयू के शताब्दी दीक्षांत में मोदी ने दी युवाओं को चुनौतियां

लखनऊ। काशी हिंदू विश्वविद्यालय में शताब्दी दीक्षांत संबोधन के दौरान उपाधि प्राप्त करने वाले युवाओं के समक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई खोज करने की चुनौतियां रखीं। उन्होंने कहा, ग्लोबल वार्मिंग से जूझ रहे विश्व को दो डिग्र्री सेल्सियस तापमान घटाने की चिंता है, इसके समाधान के लिए कोई वैज्ञानिक सामने आए। आदिवासियों में कैंसर से भी भयावह बीमारी 'सिकल सेल' की दवा खोजें, क्योंकि यह लाइलाज होना सर्वाधिक पीड़ा देता है। उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों की परेशानी की चर्चा करते पीएम ने कहा कि कोई छात्र इथनाल के ज्यादा से ज्यादा उत्पादन और इस्तेमाल का आविष्कार करे।

बीएचयू के एम्फीथियेटर मैदान में 31 मिनट के संबोधन में गुरु की भूमिका में दिखे प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं यहां नई ऊर्जा के आविष्कार की चुनौतियां देने आया हूं। जो सपनों के लिए जीते हैं उन्हें ही विश्व याद रखता है। ग्लोबल वार्मिंग को लेकर वर्ष 2030 तक दुनिया ने जितना कुछ करने का संकल्प लिया है, हम उससे अधिक करना चाहते हैं। हमें प्रकृति के साथ संवाद करना है, संघर्ष नहीं। अमेरिका, फ्रांस, भारत और बिल गेट्स के एनजीओ ने पर्यावरण की स्वच्छता के लिए एक संगठन बनाया है। दुनिया में 300 दिवस से ज्यादा सूर्य का आशीर्वाद प्राप्त 122 देशों ने मिलकर भारत को अपनी वैश्विक राजधानी बनाई है। फ्रांस के राष्ट्रपति ने पिछले दिनों इसके सेक्रेट्रीयेट का उद्घाटन किया। हमें 175 गीगा वाट सौर ऊर्जा हासिल करने का लक्ष्य पाना है।

महामना का गुणगान

महामना पंडित मदन मोहन मालवीय का गुणगान करते प्रधानमंत्री ने कहा कि वे दीर्घ दृष्टा के मानक थे। जो महामना ने किया, 15-16 वर्षों बाद महात्मा गांधी ने गुजरात में गांधी विद्यापीठ की स्थापना कर किया। दोनों महापुरुष देश के लिए नौजवान पैदा करना चाह रहे थे।

गर्व करें तो दुनिया साथ चलेगी

पीएम ने कहा कि योग नई चीज नहीं है, लेकिन जब हमने इसे अपने गर्व का हिस्सा बनाया तो 192 देश इससे जुड़ गए। राष्ट्र संघ ने स्वीकारा और विश्व भर में योग दिवस मनाने की घोषणा हुई। आप अपने कृत्यों पर गर्व करें, दुनिया साथ चलेगी। मोदी ने अपने हाथों से 34 छात्र-छात्राओं के बीच 40 गोल्ड मेडल बांटे। इनमें दिव्यांग पंखुड़ी जैन भी शामिल थीं। इससे पूर्व कुलाधिपति डॉ.कर्ण सिंह ने प्रधानमंत्री को और कुलपति डॉ. गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी को शाल और स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया। प्रदेश सरकार की ओर से मंच पर वन मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव मौजूद थे।

बनारस का मैं कर्जदार

दीक्षांत भाषण समाप्त कर कुर्सी पर बैठ चुके प्रधानमंत्री फिर उठे और माइक पर पहुंच गए। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय ने उन्हें डॉक्टर आफ लॉ की उपाधि देनी चाही थी। मेरी कोशिश रहती है कि मैं इन चीजों से दूर रहूं। मुझे चुना गया, यही बड़ी बात है। यहां आना ही गर्व की बात है। बनारस का मैं कर्जदार हूं।

अच्छा लगता है शिक्षा मंत्री कहना

डॉ. कर्ण सिंह ने मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी को जब माइक पर बुला रहे थे तो उन्होंने उन्हें शिक्षा मंत्री कहा। साथ ही कहा कि शिक्षा मंत्री कहना उन्हें अच्छा लगता है।

रविदास मंदिर में नवाया शीश

दीक्षांत में शामिल होने से पहले सुबह डीरेका गेस्ट हाउस से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हेलीकाप्टर से बीएचयू हेलीपैड पहुंचे और वहां से सड़क मार्ग से संत रविदास की जन्म स्थली सीर गोवर्धन गए। वहां मंदिर में उन्होंने मत्था टेका और प्रसाद भी छका।

सीर गोवर्धन में संत रविदास अस्पताल

संत रविदास की जन्म स्थली सीर गोवर्धन में संत रविदास के नाम अस्पताल काभी निर्माण किया जाएगा। संत रविदास जन्म स्थान चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से सोमवार को यह निर्णय तब किया गया जब सम्मेलन के दौरान यूके के रैदासी स्वर्णदास बंगड़ ने अस्पताल के लिए एक करोड़ एक लाख रुपये दान में दिया। बंगड़ इससे पहले भी सहयोग करते आए हैं। उनके आगे आने के साथ अस्पताल के लिए धन दान की होड़ लग गई। गुरुदयाल बग्गा, राजकुमार मड़ार, बीबी रूंधवा, भोली रंधावा समेत एक दर्जन से अधिक भक्तों ने एक-एक लाख रुपये सहयोग की घोषणा की। अन्य रैदासियों ने यथा शक्ति झोली खोल दी।

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