लक्ष्मणनगरी में मुसलमानों ने रखी सौहार्द की नींव, बनवाया राम मंदिर
Ayodhya Ram Mandir Verdict 2019 लखनऊ में नौ महीने पहले मुस्लिम कार सेवकों ने कराया था निर्माण। बरात निकाल मंदिर में स्थापित की थीं रामलला की मूर्ति।
लखनऊ [मोहम्मद हैदर]। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से अयोध्या में मंदिर बनने का रास्ता भले ही अब साफ हुआ है, लेकिन लक्ष्मणनगरी में मुसलमानों ने नौ महीने पहले ही श्रीराम का भव्य मंदिर बनाकर भाईचारे का संदेश दे दिया था। उन्होंने न सिर्फ श्रीराम का मंदिर बनवाया, बल्कि गाजे-बाजे के साथ बरात निकालकर मूर्ति भी खुद स्थापित की। लखनऊ में कुर्सी रोड के निकट स्थापित इस मंदिर को राष्ट्रीय एकता राम मंदिर नाम दिया गया है।
स्थापित करने के लिए छिपा कर ले गए प्रतिमा
इस मंदिर में भगवान राम की मूर्ति स्थापित करने के लिए मुस्लिम कार सेवक मंच की ओर से गत 26 फरवरी को मामा चौराहे से भव्य बरात निकाली जानी थी। उससे पहले ही पुलिस ने धारा 144 का हवाला दिया। राम भक्तों को एक साथ बग्घी से जाने नहीं दिया गया। ऐसे में मुस्लिम कार सेवक मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुंवर मुहम्मद आजम खान प्रतिमा को कपड़े से ढककर अपनी गाड़ी से क्लब पहुंचे। इसके बाद बरात निकालकर मूर्ति को परिसर के अंदर ले जाया गया। पंडित वीरेंद्र मिश्रा ने पूजा अर्चना कर भगवान राम, सीता, लक्ष्मण व हनुमान की प्रतिमा स्थापित की थी।
वसुधैव कुटुम्बकम का संदेश
राष्ट्रीय एकता राम मंदिर की दीवार पर सभी धर्मों के प्रतीक चिह्न का बैनर लगा है। साथ ही दीवारों ङ्क्षहदी में वसुधैव कुटुम्बकम और अरबी वाक्य लकुम दीनाकुम वलियादीन भी लिखा है। इसके जरिए पूरी धरती को एक परिवार के रूप में दिखाने का प्रयास किया गया है।