सरकार चलाने के लिए लगाना पडता है 'जुगाड़' : जोशी

पूर्व मंत्री व सांसद डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने 'जुगाड़ शब्द की व्याख्या की कि, राजनीति, चुनाव और सरकार चलाने में भी इसकी जरूरत पड़ती है।

By Ashish MishraEdited By: Publish:Sat, 08 Jul 2017 01:59 PM (IST) Updated:Sat, 08 Jul 2017 02:01 PM (IST)
सरकार चलाने के लिए लगाना पडता है 'जुगाड़' : जोशी
सरकार चलाने के लिए लगाना पडता है 'जुगाड़' : जोशी

लखनऊ (जेएनएन)। मौका पद्म अलंकरणों से विभूषित विभूतियों के सम्मान का था। इसी कार्यक्रम में पूर्व मंत्री व सांसद डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने 'जुगाड़ शब्द की व्याख्या की कि, राजनीति, चुनाव और सरकार चलाने में भी इसकी जरूरत पड़ती है। कार्यक्रम में मौजूद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर इशारा करके बोले कि, 'इन्हें भी सरकार चलाने के लिए जुगाड़ लगाना होगा।

जोशी की इन बातों के निहितार्थ निकाले जाते रहे जबकि मुख्यमंत्री ने कहा कि 24 जनवरी को प्रदेश का स्थापना दिवस मनाया जाएगा और तब हर क्षेत्र की विभूतियों का सम्मान होगा। पद्म पुरस्कारों से अलंकृत भाजपा सांसद डॉ. मुरली मनोहर जोशी, देवी प्रसाद द्विवेदी, कृष्णाराम चौधरी, हरि कृपालु त्रिपाठी और डॉ.मदन माधव गोडबोले को शुक्रवार को राजभवन के गांधी सभागार में राज्यपाल राम नाईक ने मुख्यमंत्री की मौजूदगी में सम्मानित किया। अपने संबोधन में डा. जोशी ने पद्म पुरस्कारों का महत्व बताया कि ये मानसिक संतोष देते है।

अलंकृत व्यक्ति अपने नाम के आगे पुरस्कार का उल्लेख नहीं कर सकता है। उन्होंने बताया कि जब उन्हें पद्म विभूषण दिया गया तब राष्ट्रपति ने अपने पत्र से नियमों की जानकारी दी थी। जोशी केंद्र सरकार पर पर टिप्पणी कर गए कि अटल सरकार ने पद्म पुरस्कारों की संख्या सौ तक बढ़ा दी थी, मगर अब उसे घटाया जा रहा है। डॉ.जोशी न 'जुगाड़ को 'इनोवेश (अभिनव प्रयोग) कहा। बोले, यह भी एक तरह का अनुसंधान है।

हालांकि राज्यपाल ने नाम के आगे पद्म सम्मान का उल्लेख न करने के नियमों की जानकारी न होने का जिक्र करते हुए कहा कि राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से उन्हें भी सरकुलर भेजा जाना चाहिए था। कहा कि, 'वह डॉ.जोशी के साथ संगठन और सरकार दोनों में काम कर चुके हैैं। जोशी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे, उस समय वह मुम्बई के अध्यक्ष थे। जन्मतिथि के हिसाब से भी डॉ.जोशी उनसे बड़े है, ऐसे में उनकी हर बात माननी है।

सरकार में 'जुगाड़ का महत्व
मुरली मनोहर जोशी ने 'जुगाड़ से जुड़ा एक किस्सा सुनाया कि वह 15-16 दिन के लिए गृहमंत्री बने थे, उसी समय एक चुनाव था। गृह सचिव से चर्चा की। शांति बनाये रखने के लिए 'जुगाड़ का सहारा लिया। उन लोगों को सुरक्षा मुहैया कराई, जिनसे बात बिगडऩे का खतरा था। वे लोग सुरक्षा पाने पर खुश थे, हम शांति के लिए खुश थे।

सक्रिय राजनीति से होंगे दूर !
डॉ. जोशी क्या सक्रिय राजनीति से दूर होने जा रहे हैं। उनके यह कहने से कि जनता की अपेक्षाएं पूरी करने का समय बहुत कम बचा है, यह सवाल उठा है। जोशी ने कहा कि, 'लोग कहते रहे है कि मेरी पहचान अलग है। मुझे कई ऐसे पुरस्कार मिले है जो ज्यादा बड़े है। मैं यह नहीं समझ पाया कि यह पुरस्कार (पद्म विभूषण) मेरी पहचान उजागर करता है या नष्ट करता है। मेरे पास अब समय बहुत कम है। 

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