संगठन क्षमता विकसित करें मंत्री : मुलायम

(राज्य ब्यूरो) लखनऊ। सहारनपुर में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण, नोएडा में प्रत्याशी पति की 'छवि' और लखन

By Edited By: Publish:Tue, 23 Sep 2014 01:00 AM (IST) Updated:Tue, 23 Sep 2014 01:00 AM (IST)
संगठन क्षमता विकसित करें मंत्री : मुलायम

(राज्य ब्यूरो) लखनऊ। सहारनपुर में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण, नोएडा में प्रत्याशी पति की 'छवि' और लखनऊ की कालोनियों में पार्टी का वोट कम होना उपचुनाव में सपा प्रत्याशियों की हार की वजहें रहीं। तीनों क्षेत्रों में हार के कारणों की समीक्षा के बाद मुलायम सिंह यादव ने मंत्रियों को संगठन क्षमता विकसित करने की नसीहत दी है और 2017 की तैयारी में अभी से जुटने का निर्देश दिया है।

11 सीटों के उपचुनाव में तीन सीटों पर हार की वजहें तलाशने के लिए सपा मुखिया मुलायम सिंह ने सोमवार को प्रदेश कार्यालय पर सहारनपुर, नोएडा और और लखनऊ (पूर्व) के प्रभारी मंत्रियों, जिलाध्यक्ष, जिला महामंत्री और नगर अध्यक्षों को तलब किया। समीक्षा के दौरान दूसरे विधानसभा के प्रभारियों, प्रत्याशी और संगठन के लोगों को अलग बैठाया गया था। सपा सूत्रों का कहना है कि सपा मुखिया ने सहारनपुर के प्रभारी शाहिद मंजूर, चितरंजन स्वरूप, सपा व्यापार सभा के गोपाल अग्रवाल और जिलाध्यक्ष जगपाल दास गूजर से बूथबार ब्योरा लिया। इसमें बताया कि विधानसभा के आम चुनाव में इस सीट पर पार्टी प्रत्याशी को आठ हजार वोट मिले थे, जबकि इस बार 36 हजार से अधिक वोट मिलें हैं। इस सीट पर खासा सांप्रदायिक ध्रुवीकरण भी हुआ। इसी तरह नोएडा के प्रभारी मंत्री नारद राय, जिला अध्यक्ष अनिल यादव और दूसरे पदाधिकारियों ने कहा कि सेक्टरों में सपा का वोट कम था। एक पदाधिकारी ने कहा कि प्रत्याशी के पति की 'छवि' के चलते भी सेक्टरों के मतदाता ने सपा को वोट नहीं दिया। लखनऊ (पूर्व) के प्रभारी मंत्री अहमद हसन, अंबिका चौधरी और अभिषेक मिश्र ने भी कालोनियों में सपा का वोट कम होने का तर्क दिया लेकिन ये स्पष्ट नहीं कर पाए कि आखिर इस बार सपा प्रत्याशी को विधानसभा के आम चुनाव में प्रत्याशी रहे कलराज मिश्र से भी कम वोट क्यों मिले? सूत्रों का कहना है कि मुलायम ने दो टूक कहा कि हार की वजह संगठन की कमजोरी रही। बूथ प्रबंधन कहीं न कहीं कमजोर रहा। उन्होंने जिलाध्यक्षों व महामंत्रियों को यह कमजोरी दूर करने की ताकीद की है।

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विस्तार पर अटकलें

उपचुनाव में सपा की हार जीत पर समीक्षा के बाद मंत्रिमंडल में विस्तार और कुछ मंत्रियों के महकमों में फेरबदल की चर्चाएं तेज हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार जातीय व क्षेत्रीय समीकरण पर मंथन हो रहा है। आठ से 10 अक्टूबर तक लखनऊ में पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन है। अधिवेशन से पहले फेरबदल से होने वाले नफा-नुकसान का भी आकलन किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार पार्टी उपचुनाव में प्रत्याशियों की जीत सुनिश्चित करने वाले युवा ब्रिगेड के सदस्यों को इनाम मिल सकता है।

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