पुलिस के भरोसे नहीं खुद रखें ध्‍यान, रोज चोरी हो रहे सात से अधिक वाहन

दुस्साहस : पुलिस से ज्यादा हाईटेक हुए चोर, दस माह में 21 सौ से अधिक वाहन चोरी। अधिकांश मामलों में कार्रवाई के बजाय फाइनल रिपोर्ट लगाती है पुलिस।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Tue, 27 Nov 2018 09:07 AM (IST) Updated:Tue, 27 Nov 2018 09:07 AM (IST)
पुलिस के भरोसे नहीं खुद रखें ध्‍यान, रोज चोरी हो रहे सात से अधिक वाहन
पुलिस के भरोसे नहीं खुद रखें ध्‍यान, रोज चोरी हो रहे सात से अधिक वाहन

लखनऊ, (ज्ञान बिहारी मिश्र)। राजधानी में वाहन चोर अत्याधुनिक संसाधनों से लैस पुलिस से भी ज्यादा हाईटेक हो गए हैं। अगर आप पुलिस पर वाहनों की सुरक्षा का जिम्मा देकर चैन की नींद सो रहे हैं तो जग जाइए। आपको जानकर हैरानी होगी कि चोरों का गिरोह हर रोज सात से अधिक गाडिय़ां चोरी कर रहा है और पुलिस कुछ भी नहीं कर पा रही है।

आंकड़ों पर गौर करें तो 1 जनवरी 2018 से अक्टूबर माह तक 21 सौ से अधिक दोपहिया और चार पहिया वाहन चोरी हो चुके हैं। यह आंकड़ा वर्ष 2012 में 1378, 2013 में 1506 और 2014 में 1785 था। उधर, पुलिस अधिकांश मामलों में फाइनल रिपोर्ट लगा देती है, जिससे बेखौफ चोर घटनाएं करते रहते हैं। इससे पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक चोरी की गाडिय़ों को चोर बिहार और नेपाल में बेचते हैं।

...ताकि चोरी न हो सके गाड़ी

अपने वाहन की सुरक्षा के लिए लोगों को खुद ही जागरूक होने की दरकार है। आपके लिए गियर लॉक का सिस्टम अपनाना लाभकारी हो सकता है। चोर वाहन अनलॉक तो कर लेंगे, लेकिन उसे लेकर नहीं जा सकेंगे।

आप ट्रैकर (ट्रैक प्रो, एक सॉफ्टवेयर) का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। इसके माध्यम से आपको अपने वाहन का लोकेशन पता चल जाएगा। हालांकि, इस सिस्टम को लगाने के लिए एक अतिरिक्त बैट्री की जरूरत पड़ती है, जो वाहन चोरी होने के करीब तीन घंटे बाद तक बैकअप देती है। आप वाहन में सिम समेत मोबाइल फोन साइलेंट मोड पर गाड़ी में छिपा सकते हैं, जिसकी बैट्री चार्ज हो। वाहन चोरी होने की दशा में मोबाइल फोन के सहारे गाड़ी का लोकेशन पता लगाया जा सकता है।

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