ITI: तकनीक पर चढ़ेगा आधुनिकता का रंग, थ्योरी के मुकाबले प्रेक्टिकल पर अधिक जोर
ITI राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में बदलेगी तकनीकी शिक्षा। पारंपरिक औजारों के मुकाबले आधुनिक औजारों के प्रयोग पर बल दिया जाएगा। अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को प्रशिक्षण देने के साथ ही कंपनी की ओर से नौकरी का अवसर भी दिया जएगा।
लखनऊ, जेएनएन। कम पढ़े-लिखे युवाओं को तकनीकी शिक्षा देकर अपने पैरों पर खड़े करने वाले आइटीआइ को आधुनिकता रंग देने की कवायद शुरू हो गई है। प्रवेश प्रक्रिया समाप्त होने के साथ ही संस्थानों की ट्रे़डों को नए सिरे से तैयार करने की तैयारी शुरू हो गई है। थ्योरी के मुकाबले प्रेक्टिकल पर जोर देने के साथ ही पारंपरिक औजारों के मुकाबले आधुनिक औजारों के प्रयोग पर बल दिया जाएगा।
इसी क्रम में चारबाग के राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में एक निजी कंपनी की ओर से बीते वर्ष किए गए करार को आगे बढ़ाने और विद्यार्थियों को बाजार की मांग के अनुरूप तकनीकी ज्ञान सिखाने की तैयारी शुरू हो गई है। प्रधानाचार्य ओपी सिंह ने बताया कि व्यावसायिक शिक्षा को रोजगार परक बनाने के साथ ही बाजार के अनुरूप तैयार किया जा रहा है। इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी की ओर से स्थापित लैब राजधानी ही नहीं प्रदेश में अपनी तरह की खास लैब है।
अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को प्रशिक्षण देने के साथ ही कंपनी की ओर से नौकरी का अवसर भी दिया जएगा। लैब में आधुनिक उपकरणों के साथ ही रोजमर्रा की जरूरत के उपकरणों जैसे फ्रिज, वाशिंग मशीन और एलईडी के नए मॉडल के साथ उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान मानदेय देने की भी मिलेगा।
अंतिमचरण में पहुंचा प्रवेश
आइटीआइ में प्रवेश का अंतिम चरण शुक्रवार से शुरू हुआ। प्रदेश के सभी संस्थानों के प्रधानाचार्यों को रिक्त सीट के सापेक्ष मेरिट के आधार पर प्रवेश करने के निर्देश दिए गए हैं। रिक्त सीटों के मुकाबले प्रवेश लेने वालों की संख्या अधिक होने से प्रवेश की मारामारी है। इससे इतर निजी संस्थानों में प्रवेश का इंतजार है।
क्या कहते हैं अफसर ?
व्यावसायिक शिक्षा संयुक्त निदेशक एससी तिवारी के मुताबिक, आइटीआइ में प्रवेश लेने वाले अभ्यर्थियों का गुणवत्ता युक्त शिक्षा के साथ ही रोजगारपरक तकनीक सिखाने की सरकार की मंशा के सापेक्ष कवायद चल रही है। प्रवेश प्रक्रिया समाप्त होने के साथ ही तकनीक में बदलाव की तैयारी की जाएगी।