UP News: माननीय अब तेजी से करा सकेंगे विकास कार्य, विधायक निधि की 7 अरब 41 करोड़ धनराशि जारी

Vidhayak Nidhi Fund Released डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि विधायक निधि योजना अंतर्गत विधानसभा के 404 सदस्यों में से 403 सदस्यों के लिए छह अरब चार करोड़ 50 लाख रुपये की धनराशि दी गई है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Mon, 27 Jun 2022 11:30 PM (IST) Updated:Mon, 27 Jun 2022 11:37 PM (IST)
UP News: माननीय अब तेजी से करा सकेंगे विकास कार्य, विधायक निधि की 7 अरब 41 करोड़ धनराशि जारी
MLA fund released: विधानमंडल क्षेत्र विकास निधि के तहत सात अरब 41 करोड़ की धनराशि जारी।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। यह भी संयोग है कि उत्तर प्रदेश में मानसून की बारिश शुरू होने के साथ ही माननीय भी अब तेजी से विकास कार्य करा सकेंगे। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि विधानमंडल विकास निधि यानी विधायक निधि का धन जारी कर दिया गया है। विकास की धनराशि डीआरडीए यानी जिला ग्रामीण विकास एजेंसी के खाते में स्थानांतरित करके योजना के दिशा निर्देशों के तहत खर्च की जा सकेगी।

उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि विधानमंडल क्षेत्र विकास निधि (विधायक निधि) योजना अंतर्गत विधानसभा के 404 सदस्यों में से 403 सदस्यों के लिए छह अरब चार करोड़ 50 लाख रुपये की धनराशि दी गई है। ऐसे ही विधान परिषद के 100 में से 91 सदस्यों के लिए एक अरब 36 करोड़ 50 लाख की धनराशि जारी की गई है।

विधानमंडल के कुल 504 सदस्यों में से 494 सदस्यों को प्रथम किस्त के रूप में 150 लाख प्रति सदस्य की दर से कुल सात अरब 41 करोड़ की धनराशि (जीएसटी सहित) अवमुक्त की जा रही है। मौर्य ने कहा कि इस निधि से विधानमंडल दल के सदस्य क्षेत्र के विकास के लिए नियमानुसार धन खर्च कर सकेंगे। इससे प्रदेश का चहुंमुखी और बहुमुखी विकास होगा।

बता दें कि उत्तर प्रदेश में विधायक अब क्षेत्र के विकास पर पहले से ज्यादा पैसा खर्च कर सकेंगे। योगी सरकार ने क्षेत्रीय विकास निधि (विधायक निधि) को तीन करोड़ से बढ़ाकर पांच करोड़ रुपये प्रतिवर्ष कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों विधानसभा सत्र में विपक्षी विधायकों की मांग पर यह बड़ी घोषणा की थी। वर्ष 2019 तक यह निधि मात्र डेढ़ करोड़ रुपये थी, जिसे तीन वृद्धियों के साथ पांच करोड़ तक पहुंचा दिया गया है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधायक निधि में तीसरी बार वृद्धि की है। अपने पिछले कार्यकाल के दौरान वर्ष 2019 में उन्होंने इसे डेढ़ करोड़ से बढ़ाकर दो करोड़ किया। फरवरी, 2020 में निधि को तीन करोड़ रुपये कर दिया गया। फिर कोरोना महामारी के दौरान मंत्रियों-विधायकों के भत्तों में तीस प्रतिशत की कटौती के साथ एक वर्ष के लिए विधायक निधि को निलंबित कर दिया गया था, जिसे मार्च, 2021 में बहाल कर दिया गया। अब दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही योगी ने निधि को पांच करोड़ रुपये करने का बड़ा निर्णय लिया है।

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