यातायात नियमों की घुट्टी पिलाने को इसी माह तैयार हो जाएंगे मास्टर ट्रेनर शिक्षक

उत्तर प्रदेश के 75 जिलों के शिक्षकों का रोड सेफ्टी प्रशिक्षण का कार्य अंतिम दौर में इस माह से तैयार हो जाएंगे मास्टर ट्रेनर शिक्षक।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Wed, 16 Sep 2020 06:51 PM (IST) Updated:Wed, 16 Sep 2020 06:51 PM (IST)
यातायात नियमों की घुट्टी पिलाने को इसी माह तैयार हो जाएंगे मास्टर ट्रेनर शिक्षक
यातायात नियमों की घुट्टी पिलाने को इसी माह तैयार हो जाएंगे मास्टर ट्रेनर शिक्षक

लखनऊ, जेएनएन। स्कूलों में बच्चों को सड़क सुरक्षा नियमों की जानकारी देने के लिए शिक्षकों को ऑनलाइन तैयार किए जाने का प्रथम चरण इसी माह के अंत तक पूरा हो जाएगा। हर जिले से सौ-सौ बेसिक शिक्षक रोड सेफ्टी की जानकारी लेकर स्कूलों में बच्चों को प्रशिक्षित करेंगे। वहीं नवंबर माह तक माध्यमिक शिक्षकों की ट्रेनिंग पूरी कर ली जाएगी।

सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए परिवहन विभाग ने बच्चों को शुरुआती दौर से ही प्रशिक्षित करने की तैयारियों को आगे बढ़ाया है। इसके तहत प्रथम चरण में बेसिक स्कूलों के शिक्षकों को और दूसरे चरण में माध्यमिक शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जाएगी। हर जिले से सौ-सौ बेसिक शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसी माह के अंत तक सभी जिलों के शिक्षक बतौर मास्टर ट्रेनर तैयार हो जाएंगे। इसके बाद यह सभी प्रशिक्षित शिक्षक स्कूलों में न केवल बच्चों को रोड सेफ्टी के नियमों को लेकर जागरूक करेंगे बल्कि अपने-अपने स्कूलों की कक्षा में इसे विद्यार्थियों को एक पाठ के रूप में रोज पढ़ाएंगे भी। सड़क सुरक्षा को लेकर चल रही उच्चस्तरीय बैठकों के बाद ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू कर दिया गया है। दरअसल कोरोना संक्रमण को लेकर तय की गई गाइड लाइन के चलते रोड सेफ्टी से जुडे़ कई कार्यक्रम गति नहीं पकड़ पा रहे थे। इसे लेकर परिवहन विभाग ने शिक्षा विभाग के सहयोग से ऑनलाइन वर्चुअल ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू कर सड़क सुरक्षा कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया है। शिक्षक बतौर मास्टर ट्रेनर की भूमिका में होंगे।

उप परिवहन आयुक्त सड़क सुरक्षा पुष्पसेन सत्यार्थी, ने बताया कि बेसिक शिक्षकों के ऑनलाइन प्रशिक्षण का कार्यक्रम अंतिम दौर में पहुंच गया है। अगले माह तक वर्चुअल ट्रेनिंग प्रोग्राम के माध्यम से अध्यापकों काे ग्रुपों में प्रशिक्षित कर दिया जाएगा। इसके बाद यह शिक्षक अपने-अपने स्कूलों में बच्चों को यातायात नियमों का रोज पाठ पढ़ाएंगे। इससे शुरुआती दौर से ही विद्यार्थी सड़क सुरक्षा नियमों के प्रति सजग होने लगेंगे।

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