फरार IPS अधिकारी मणिलाल पाटीदार पर 25 हजार का इनाम घोषित, सिपाही अरूण यादव भी इनामी

Mahoba Murder Case महोबा में व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी से महोबा के एसपी रहे मणिलाल पाटीदार के छह लाख की रिश्वत मांगने के बाद त्रिपाठी की हत्या से मामला काफी तूल पकड़ गया। योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस केस में काफी सख्त कार्रवाई की।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Sun, 29 Nov 2020 09:34 PM (IST) Updated:Mon, 30 Nov 2020 10:50 AM (IST)
फरार IPS अधिकारी मणिलाल पाटीदार पर 25 हजार का इनाम घोषित, सिपाही अरूण यादव भी इनामी
महोबा के एसपी अरुण श्रीवास्तव ने इनके खिलाफ इनाम घोषित किया है

लखनऊ, जेएनएन। Mahoba Murder Case: महोबा में व्यापारी इन्द्रकांत त्रिपाठी हत्याकांड में निलंबन के बाद से फरार चल रहे आइपीएस अधिकारी मणिलाल पाटीदार के साथ ही कॉन्स्टेबल अरुण यादव पर शासन का शिकंजा कस गया है। महोबा के एसपी रहे मणिलाल पाटीदार को भगोड़ा घोषित करने के बाद अब 25 हजार का इनाम रखा गया है।

पुलिस अब तक चोर, बदमाश, डाकू और गैगस्टर को पकड़वाने पर ही इनाम घोषित करती है, लेकिन इस बार पुलिस महकमे ने अपने एक युवा आइपीएस अधिकारी को पकड़वाने पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। महोबा के कबरई के व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत के मामले में भगोड़ा घोषित महोबा के पूर्व एसपी मणिलाल पाटीदार पर यह इनाम रखा गया है। इस मामले में उनके सहयोगी सिपाही अरुण यादव पर भी 25 हजार का इनाम है। इस मामले के आरोपितों में तत्कालीन एसओ देवेंद्र और दो अन्य को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। 

मणिलाल पाटीदार व्यापारी इंद्रकांत की मौत के मामले में 15 नवंबर से फरार हैं। पुलिस की कई टीमें और एसटीएफ उनकी खोज में लगी हुई हैैं लेकिन अब तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका। पाटीदार के खिलाफ भ्रष्टाचार की भी कई शिकायतें हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे। रविवार को एसपी अरुण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि पूर्व एसपी मणिलाल के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी है। अब 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया गया है। आरोपित सिपाही अरुण यादव पर भी इनाम रखा गया है। प्रदेश का यह पहला मामला है जिसमें किसी आइपीएस पर 25 हजार का इनाम रखा गया है।

उल्लेखनीय है कि क्रशर कारोबारी की मौत के मामले में गिरफ्तार हुए बर्खास्त एसओ देवेंद्र शुक्ला को तीन दिन पहले लखनऊ भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया था। आरोपित दो अन्य सुरेश सोनी व ब्रह्मदत्त द्विवेदी को गिरफ्तार कर लखनऊ जेल भेजा जा चुका है। दिवंगत इंद्रकांत के बड़े भाई व वादी रविकांत का कहना है कि इस कार्रवाई से संतुष्टि मिली है, लेकिन आरोपित की गिरफ्तारी जल्द होनी चाहिए।

यह है मामला 

दिवंगत क्रशर कारोबारी ने सात सितंबर को तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार व कबरई के तत्कालीन एसओ देवेंद्र शुक्ला पर जबरन वसूली का आरोप लगाया था। उनसे अपनी जान को खतरा बताते हुए आडियो व वीडियो वायरल किए थे। मुख्यमंत्री को भी इसी संदर्भ के प्रार्थना पत्र भेजा था। आठ सितंबर को इंद्रकांत अपनी गाड़ी में गोली लगने से घायल मिले थे। 13 सितंबर को उनकी कानपुर के रीजेंसी अस्पताल में मौत हो गई थी। भाई रविकांत त्रिपाठी ने पूर्व एसपी व एसओ सहित चार लोगों के खिलाफ कबरई थाने में मुकदमा कराया था। जांच के दौरान सिपाही अरुण यादव का नाम जोड़ा गया था। निलंबित होने के बाद से आइपीएस अधिकारी मणिलाल पाटीदार फरार चल रहा है। शीघ्र ही पाटीदार से साथ सिपाही की संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई भी होने वाली है। महोबा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेंद्र कुमार गौतम के मुताबिक जिले के एसपी रहे मणिलाल पाटीदार, इंस्पेक्टर देवेंद्र शुक्ला और कांस्टेबल अरुण यादव महोबा के व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत के बाद से फरार चल रहे हैं। इंद्रकांत की मौत के बाद उनके भाई ने आरोप लगाया कि पाटीदार ने त्रिपाठी से छह लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी। मणिलाल ने धमकी दी कि यदि एक हफ्ते के अंदर रकम नहीं दी तो जान से मार दिया जाएगा या जेल भेज दिया जाएगा। इसके बाद पाटीदार को भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण सेवा से निलंबित करके जांच का आदेश जारी कर दिया गया। 

अब तक का घटनाक्रम

सात सितंबर- कारोबारी इंद्रकांत का ऑडियो-वीडियो जारी। इसमें तत्कालीन एसपी मणिलाल पर वसूली का आरोप। 

आठ सितंबर- इंद्रकांत अपनी कार में गोली लगने से घायल मिले। 

नौ सितंबर- कबरई एसओ देवेंद्र शुक्ला निलंबित।

दस सितंबर- तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार निलंबित। 

11 सितंबर- कारोबारी के भाई रविकांत ने त्तकालीन एसपी, कबरई एसओ पर हत्या के प्रयास का मुकदमा कराया। 

13 सितंबर- इंद्रकांत की कानपुर में इलाज के दौरान मौत। 

14 सितंबर-  आरोपितों पर हत्या में मुकदमा तरमीम हुआ। 

15. सितंबर-  शासन ने जांच एसआइटी को सौंपी। 

16. सितंबर- एसआइटी कबरई पहुंची। 

25 सितंबर- नौ दिन एसआइटी जांच के बाद आरोपितों पर आत्महत्या दुष्प्रेरण, भ्रष्टाचार की धाराओं में मुकदमा परिवर्तित हो गया।   

दो अक्टूबर-  आरोपित सुरेश सोनी, ब्रह्मदत्त द्विवेदी गिरफ्तार। 

तीन अक्टूबर- दोनों आरोपित लखनऊ भ्रष्टाचार कोर्ट में पेश कर जेल गए। 

15 अक्टूबर- अन्य आरोपितों के खिलाफ कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी। 

तीन नवंबर- आरोपित पूर्व एसपी ने हाईकोर्ट में अरेस्ट स्टे के लिए याचिका दी जो खारिज। 

छह नवंबर - लखनऊ भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर। 

दस व 13 नवंबर- सुनवाई के बाद याचिका खारिज। 

16 नवंबर-  आरोपित एसओ, सिपाही बर्खास्त, कुर्की का नोटिस। 

25 नवंबर- आरोपित एसओ देवेंद्र शुक्ला गिरफ्तार। 

26 नवंबर- आरोपित एसओ को लखनऊ कोर्ट में पेश होने के बाद जेल भेजा गया। 

29 नवंबर- पूर्व एसपी मणिलाल व सिपाही अरुण यादव पर इनाम घोषित। 

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