लखनऊ विकास प्राधिकरण को शासन से अनुमति बाद मिलेगी रैन बसेरे के लिए जमीन, उम्मीद बरकरार
लखनऊ विकास प्राधिकरण ने शासन से ऐशबाग स्थित नजूल की जमीन रैन बसेरे के लिए मांगी है। अगर जमीन देने में शासन सकारात्मक रवैया अपनाता है तो रैन बसेरा भी बनना शुरू हो जाएगा। यह जमीन पच्चीस हजार वर्ग फिट से ज्यादा है।
लखनऊ, जेएनएन। बहुमंजिला रैन बसेरा लखनऊ विकास प्राधिकरण लविप्रा तभी बनवा पाएगा, जब नजूल की जमीन पर शासन हां कर देगा। लविप्रा ने शासन से ऐशबाग स्थित नजूल की जमीन रैन बसेरे के लिए मांगी है। अगर जमीन देने में शासन सकारात्मक रवैया अपनाता है तो रैन बसेरा भी बनना शुरू हो जाएगा। यह जमीन पच्चीस हजार वर्ग फिट से ज्यादा है। वर्तमान में जमीन की कीमत बीस करोड़ से अधिक है। खासबात होगी कि रैन बसेरा यूपी का मॉडल रैन बसेरा होगा, जो सुविधाओं से लैसा होगा।
डीएम एवं लविप्रा उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने बताया कि नजूल जमीन का केयर टेकर सिर्फ लविप्रा है। शासन से जैसे ही जमीन की अनुमति मिलती है, वैसे ही आगे की प्रकिया शुरू कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि रैन बसेरा मूलभूत सुविधाओं से लैस होगा। लखनऊ विकास प्राधिकरण ही इसका निर्माण करवाएगा। कम स्थान में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रयास होगा। उम्मीद जताई जा रही है आगामी चंद सप्ताह में रैन बसेरा की जमीन को लेकर शासन से सकारात्मक रवैया अपनाया जा सकता है। बता दें कि लविप्रा ने दिसंबर 2020 में ही रैन बसेरा से जुड़ा प्रस्ताव अपनी बोर्ड मीटिंग में ला चुका है। वहीं मुख्य अभियंता इन्दु शेखर सिंह ने बताया की जमीन अभी तक नहीं मिली है, जमीन लविप्रा को आते ही रैन बसेरे के लिए टेंडर प्रकिया शुरू कर दी जाएगी।
नजूल की लाखों वर्ग फिट जमीन से हटा चुके हैं कब्जा: लखनऊ विकास प्राधिकरण लविप्रा नजूल की लाखों वर्ग फिट जमीन से कब्जा जनवरी से अब तक हटा चुका है। ऐशबाग में ही कई हजार वर्ग फिट जमीन है। इसी तरह चौक, हनुमान सेतु, सीतापुर रोड पर जमीने हैं। जमीन का उपयोग शासन की अनुमति के बाद ही लविप्रा करेगा। इसलिए जमीनों पर दोबारा कब्जा न हो सके, इसके लिए क्षेत्रीय अभियंताओं को निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं।