कोरोना संक्रमित महिला के प्रसव के बाद नवजात की बिगड़ी हालत-मौत, लखनऊ में परिजनों ने किया हंगामा

सीएमएस डा. रंजना खरे के अनुसार गर्भवती का प्रसव होने के बाद बच्चे की हालत नाजुक होने पर केजीएमयू रेफर किया गया था। अस्पताल में नवजात की मृत्यु नहीं हुई है। परिजनों को नवजात की जांच और पोस्टमार्टम के लिए कहा गया था लेकिन उन्होंने इससे मना कर दिया।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Thu, 20 Jan 2022 12:06 AM (IST) Updated:Thu, 20 Jan 2022 12:06 AM (IST)
कोरोना संक्रमित महिला के प्रसव के बाद नवजात की बिगड़ी हालत-मौत, लखनऊ में परिजनों ने किया हंगामा
जांच के लिए अस्पताल में तीन डाक्टरों की एक कमेटी गठित की गई है।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। वीरांगना झलकारी बाई महिला अस्पताल के इमरजेंसी में भर्ती की गई एक महिला के प्रसव के बाद नवजात की हालत बिगड़ने पर उसे केजीएमयू रेफर किया गया लेकिन वहां बच्चे की मृत्यु हो गई। इस पर परिजनों ने सही तरह से प्रसव न करवाने को लेकर झलकारीबाई अस्पताल में हंगामा काटा।

मवैया निवासी सुरेश रावत की पत्नी गर्भवती थी। प्रसव पीड़ा होने पर मंगलवार को वीरांगना झलकारी बाई महिला चिकित्सालय में इमरजेंसी में महिला को भर्ती करना पड़ा। सामान्य प्रसव के बाद नवजात की तबीयत बिगड़ने लगी। इस पर वहां के डाक्टरों ने नवजात को केजीएमयू रेफर कर दिया। परिजन नवजात को लेकर केजीएमयू पहुंचे लेकिन वहां उसकी मृत्यु हो गई। बुधवार की सुबह महिला की कोरोना रिपोर्ट पाजिटिव आई। नवजात की मृत्यु के बाद परिजनों ने झलकारीबाई अस्पताल में महिला और नवजात की सही देखरेख न करने की बात कह कर हंगामा किया।

इस पूरे मामले पर झलकारीबाई अस्पताल की सीएमएस डा. रंजना खरे के अनुसार, गर्भवती का प्रसव होने के बाद बच्चे की हालत नाजुक होने पर केजीएमयू रेफर किया गया था। अस्पताल में नवजात की मृत्यु नहीं हुई है। परिजनों को नवजात की जांच और पोस्टमार्टम के लिए कहा गया था लेकिन उन्होंने इससे मना कर दिया और नवजात का शव लेकर चले गए। इसकी पूरी जांच के लिए अस्पताल में तीन डाक्टरों की एक कमेटी गठित की गई है। 24 घंटे में रिपोर्ट आने के न‍िर्देश दिए गए हैं। यदि कोई दोषी पाया जाता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। 

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