Lucknow Coronavirus News: होम आइसोलेशन के मरीजों का हालचाल ले रहे शिक्षक, न डेटा मिल रहा-न छुट्टी
Lucknow Coronavirus News कोरोना वॉरियर्स की दोहरी भूमिका निभा रहे शिक्षक। एक बार फिर शिक्षक कोविड के संकट काल में मजबूत स्तंभ बनकर स्वास्थ्य विभाग के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं। मरीजों की मेहमानी संग स्वास्थ्य विभाग की निगरानी भी कर रहे शिक्षक।
लखनऊ [कुसुम भारती]। Lucknow Coronavirus News: 'क्या आप होम क्वारंटाइन का पालन कर रहे हैं? क्या आप पल्स ऑक्सीमीटर से अपना ऑक्सीजन लेवल और पल्स रेट चेक कर रहे हैं, अगर हां तो कितना है? आपको बुखार तो नहीं आ रहा है, टेंपरेचर कितना है, आइवरमेक्टिन की दवा खा रहे हैं, मेडिसिन की किट मिली है कि नहीं, स्वास्थ्य विभाग की टीम आपके घर पर चेक करने आई थी या नहीं?' ऐसे लगभग 12 सवालों के जवाब हर दिन होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों से पूछे जा रहे हैं। स्कूल में बच्चों से सवाल करने वाले शिक्षक अब मरीजों से सवाल पूछ रहे हैं।
जी हां, शिक्षकों की भूमिका हमेशा अग्रणी रही है। चुनाव से लेकर डाटा कलेक्शन व जनगणना तक शिक्षक बखूबी अपनी ड्यूटी निभाते हैं। संकट के समय हमेशा अपना पूरा योगदान देते हैं। एक बार फिर शिक्षक कोविड के संकट काल में मजबूत स्तंभ बनकर स्वास्थ्य विभाग के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं। कोरोना वॉरियर्स की दोहरी भूमिका निभा रहे करीब 44 बेसिक शिक्षकों को स्वास्थ्य विभाग की ओर से होम आइसोलेशन में मरीजों का हालचाल लेने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। कमांड कंट्रोल रूम में ड्यूटी कर रहे शिक्षक न सिर्फ मरीजों का हालचाल पूछ रहे हैं बल्कि उनसे स्वास्थ्य विभाग का ब्योरा भी ले रहे हैं।
मरीजों को अपने मोबाइल से करते हैं फोन
गोंसाईंगंज में जूनियर हाईस्कूल में गणित के शिक्षक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बीते 10 अगस्त से वह ड्यूटी कर रहे हैं। सभी शिक्षक दो शिफ्ट में ड्यूटी कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी शिक्षकों को निर्धारित प्रारूप पर करीब 12 सवाल दिए गए हैं। हम प्रतिदिन मरीजों से ये 12 सवाल पूछते हैं। फिर उनको डाटा शीट में भरते हैं। उन्होंने बताया कि इन सवालों को पूछने के लिए सभी शिक्षकों को अपना फोन इस्तेमाल करना पड़ता है। फोन रीचार्ज करने के लिए उनको कोई अतिरिक्त मानदेय भी नहीं दिया जा रहा है। इतना ही नहीं, शिक्षकों को एक भी छुट्टी नहीं दी जा रही है।
निभा रहे दोहरी जिम्मेदारी
एक अन्य शिक्षक ने बताया कि एक महीने में अब तक करीब चार से पांच हजार मरीजों का हालचाल लेकर स्वास्थ्य विभाग को ब्योरा उपलब्ध करा चुका हूं। उन्होंने बताया कि सुबह पहले ऑनलाइन बच्चों की क्लास लेता हूं बाद में कमांड कंट्रोल रूम में ड्यूटी करता हूं। शिफ्ट में ड्यूटी लगती है इसलिए दोनों जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रहा हूं। हालांकि, हमारी ड्यूटी तो कहीं भी लगा दी जाती है।
सुबह-शाम आता है फोन
होम आइसोलेशन में रहकर ठीक हो चुके डूडा में परियोजना अधिकारी सौरभ ने बताया कि बीते 28 अगस्त को बुखार आने के बाद जांच कराने पर रिपोर्ट पॉजिटिव आई। सामान्य लक्षणों के चलते होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गई। 30 अगस्त से होम आइसोलेट रहा। इस दौरान लगातार सुबह-शाम रोज सीएम हेल्प लाइन और कमांड सेंटर से मेरे पास हालचाल लेने के लिए फोन आए। साथ ही दवा, पल्स रेट, बुखार आदि की बराबर मॉनिटरिंग भी की गई।