लखनऊ में खुलेआम ऐसे हो रही है गैस रीफिलिंग, प्रशासन खामोश-ग्राहकों को लगा रहे चूना

तीन से चार किलो कम गैस वाले सिलिंडर दे रहे हैं डिलीवरीमैन। ग्राहकों को लगाया जा रहा चूना एजेंसी-विभाग साधे है चुप्पी।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Sat, 16 Mar 2019 12:23 PM (IST) Updated:Sat, 16 Mar 2019 12:23 PM (IST)
लखनऊ में खुलेआम ऐसे हो रही है गैस रीफिलिंग, प्रशासन खामोश-ग्राहकों को लगा रहे चूना
लखनऊ में खुलेआम ऐसे हो रही है गैस रीफिलिंग, प्रशासन खामोश-ग्राहकों को लगा रहे चूना

लखनऊ, [विनय तिवारी]। होली पर घरेलू गैस उपभोक्ताओं को चूना लगाया जा रहा है। बढ़ती डिमांड के चलते शहर में हर तरफ गैस रीफिलिंग का धंधा चरम पर है और प्रशासन खामोश है। गैस एजेंसी संचालकों और विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से उपभोक्ताओं को दो से तीन किलो गैस प्रति सिलिंडर के हिसाब से चूना लगाया जा रहा है। करोड़ों के इस काले कारोबार में तमाम बड़े लोग भी शामिल हैं।

दैनिक जागरण की टीम ने शुक्रवार को आशियाना क्षेत्र के रतन खंड पानी टंकी के पास गैस कटिंग के खेल को कैमरे में कैद किया। एक साल से यह कारस्तानी खुलेआम की जा रही है। एजेंसी के सिलिंडरों से खुलेआम गैस निकाली जा रही है।

ऐसे होती है घरेलू गैस सिलिंडर से कटिंग

सुबह लगभग आठ बजे आरडी गैस बंगला बाजर के डिलेवरी मैन औरंगाबाद गोदाम से इंडेन गैस के 56 घरेलू सिलिंडर लोडर में लाद कर आशियाना क्षेत्र के रतन खंड स्थित पानी टंकी के पास लाते हैं। फिर वहीं पर होटलों से कमर्शियल सिलिंडर खाली लाकर घरेलू से गैस को रीफिलर की मदद से तीन से चार किलो गैस निकाल कर दूसरे सिलिंडरों में भरते है। सुबह आठ से 12 बजे तक यह खेल चलता है फिर उन सिलिंडरों को सेक्टर-आइ के पास उतार दिया जाता है। 

रेस्टोरेंट और होटलों में प्रतिघंटे होती है सप्लाई

रीफिलिंग के खेल में सब कुछ बेहद शातिराना अंदाज में होता है। चूंकि विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत है इसलिए सारा काम बेखौफ होता है। भरे 56 सिलिडरों में से आठ-दस सिलिंडर छोड़ दिए जाते हैं ताकि अगर कोई जांच करने आए तो उसकी तौल करा दें। सिलिंडरों को रेस्टोरेंट और होटलों में प्रतिघंटे के हिसाब से लगाकर इस्तेमाल में लाया जाता है।

पहले भी पकड़ी गयी रीफिलिंग पर नहीं हुई कार्रवाई

आरडी गैस एजेंसी पर पहले भी कई बार सवाल उठ चुके हैं। आशियाना के अलावा आलमबाग, बाजारखाला, ठाकुरगंज, इंदिरानगर और गोमतीनगर सहित कई इलाकों में रीफिलिंग करने वाले सक्रिय हैं।

होली की डिमांड का बढ़ा रहे फायदा

स्थानीय निवासी विनीता देवी, रंजना तिवारी, रीता सिंह और आरती ने बताया कि होली के समय हम सभी को भी गुजिया-पापड़ बनाने के लिए अधिक गैस की जरूरत होती है। हॉकर सिलिंडर में घटतौली करते हैं, जिससे समय से पहले ही गैस खत्म हो जा रही है।

15 से अधिक मुकदमें, नहीं होती कार्रवाई

शहर में करीब 15 गैस एजेंसियों पर घटतौली और रीफिलिंग को लेकर मुकदमे दर्ज हैं लेकिन कोई एक्शन नहीं होता। विभाग रिपोर्ट दर्ज कराकर खामोश बैठ जाता है। अधिकारियों का कहना है कि पुलिस चार्जशीट नहीं लगाती। विभाग एजेंसियों के खिलाफ कार्रवाई करने से कतरा रहा है।

क्या कहते हैं जिम्मेदार? सिविल सप्लाई एडीएम का कहना है कि जहां पर भी गैस की घटतौली हो रही है उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। आरडी गैस बंगला बाजार मैनेजर मनीष के मुताबिक, घरेलू सिलिंडर वहां उतारे जाने की जानकारी है पर घटतौली नहीं।

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