लखीमपुर : जिला अस्पताल में अराजक तत्वों ने किया हंगामा, चिकित्सकों और मरीजों से बदसलूकी; विरोध में स्वास्थ्य सेवाएं ठप

लखीमपुर के जिला अस्पताल का मामला। आरोप है कि शराब के नशे में अराजक तत्वों ने जबरदस्त हंगामा किया। सांसद के भतीजे पर है आरोप। विरोध में चिकित्सक वार्डबॉय फार्मासिस्ट समेत पूरे स्टाफ ने स्वास्थ्य सेवाएं रोक दी।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Tue, 27 Oct 2020 02:55 PM (IST) Updated:Tue, 27 Oct 2020 02:55 PM (IST)
लखीमपुर : जिला अस्पताल में अराजक तत्वों ने किया हंगामा, चिकित्सकों और मरीजों से बदसलूकी; विरोध में स्वास्थ्य सेवाएं ठप
लखीमपुर के जिला अस्पताल का मामला। आरोप है कि शराब के नशे में अराजक तत्वों ने जबरदस्त हंगामा किया।

लखीमपुर, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर के जिला अस्पताल में रात करीब एक बजे अराजक तत्वों ने शराब के नशे में धुत होकर न केवल जबरदस्त हंगामा किया। करीब एक घंटे तक चले तांडव से पूरे अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी मच गई। किसी तरह स्थिति काबू हुई। इसके बाद दूसरे दिन अस्पताल के चिकित्सक, वार्डबॉय, फार्मासिस्ट समेत पूरे स्टाफ ने स्वास्थ्य सेवाएं रोक दी। प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। चिकित्सकों और फार्मासिस्ट अराजक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। प्राथमिकी में रामू वर्मा, विकास,  वासु कटियार के नाम लिखे गए हैं। अराजक तत्वों की भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व  सांसद से रिश्तेदारी बताई जा रही है।

ये है पूरा मामला 

दरअसल, सोमवार की देररात रात करीब एक बजे अराजक तत्वों ने अपने साथियों के संग मिलकर जिला अस्पताल में जमकर तांडव किया।  इमरजेंसी चिकित्सक और स्टाफ से जमकर बदसलूकी की गई। शराब के नशे में धुत गुंडों ने जिला अस्पताल में गुंडई की। इतना ही नहीं इमरजेंसी में भर्ती मरीजों को भी परेशान किया। नशे में मरीजों की जान से भी खिलवाड़ किया। रात एक बजे शराब की बोतलें लेकर अस्पताल परिसर में हंगामा करते रहे। चिकित्सकों के मुताबिक, भाजपा सांसद के भतीजे इससे पूर्व भी कई बार अस्पताल में हंगामा कर चुके हैं। अस्पताल परिसर में घूम-घूमकर चिकित्सकों और स्टाफ को शराब के नशे में अपशब्द कहते रहे। 

इमरजेंसी सेवाएं बाधित

परिणाम स्वरूप दूसरे दिन मंगलवार की सुबह चिकित्सकों और फार्मासिस्टों ने अस्पताल की सारी इमरजेंसी सेवाएं बाधित कर दी। अस्पताल परिसर में जबरदस्त नारेबाजी की विरोध प्रदर्शन करते हुए अराजक तत्वों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करा कर जेल भेजने की मांग की। पास सेवाएं बाधित होने से अस्पताल में आए हुए गंभीर से गंभीर मरीज भी दवा के लिए भटकते नजर आए।

क्या कहते हैं मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ?

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ आरसी अग्रवाल का कहना है कि प्राथमिकी दर्ज करा दी गई है ,जल्दी दोषियों के प्रति कार्रवाई होगी।इसके अलावा उधर चिकित्सकों का कहना है कि जब तक दोषियों पर पुलिस कार्रवाई नहीं करती विश्वास सेवाएं बहाल नहीं करेंगे।

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