राज्य विधि आयोग के चेयरमैन न्यायमूर्ति रविन्द्र सिंह यादव का इस्तीफा

उत्तर प्रदेश के लोकायुक्त पद पर दावेदारी करने के दौरान न्यायमूर्ति रविंद्र सिंह यादव बेहद चर्चा में थे। इसके बाद अखिलेश यादव सरकार ने उनको राज्य विधि आयोग का चेयरमैन बनाया था।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Mon, 27 Mar 2017 03:45 PM (IST) Updated:Mon, 27 Mar 2017 08:15 PM (IST)
राज्य विधि आयोग के चेयरमैन न्यायमूर्ति रविन्द्र सिंह यादव का इस्तीफा
राज्य विधि आयोग के चेयरमैन न्यायमूर्ति रविन्द्र सिंह यादव का इस्तीफा
लखनऊ (जेएनएन)। हाईकोर्ट के न्यायमू्र्ति के रूप में सबसे अधिक मुकदमे निस्तारित का रिकार्ड रविन्द्र सिंह के नाम दर्ज हुआ, मगर उत्तर प्रदेश के लोकायुक्त पद के लिए उनके नाम पर इस कदर विवाद बढ़ा कि उन्होंने इस पद की रेस से नाम वापस ले लिया। मई, 2016 में उन्हें राज्य विधि आयोग का अध्यक्ष बनाया गया था, कार्य शुरू करने से पहले ही उन्होंने सोमवार को इस पद से इस्तीफा दे दिया। अपने इस्तीफे में उन्होंने लिखा है कि 'मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ऊर्जावान, कर्मठ, संवेदनशील, त्यागी संत हैं। मैैं उनका सम्मान करता हूं। उनके नेतृत्व में प्रदेश में भ्रष्टाचार मुक्त विकास की कामना करता हूं।
मैनपुरी के मूल निवासी रविन्द्र सिंह हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति के रूप में एक लाख 37 हजार सात सौ 78 मुकदमों के निस्तारण का रिकार्ड बनाने के लिए चर्चित हुए थे। उनका नाम उस समय फिर चर्चा में आया जब अखिलेश यादव सरकार ने लोकायुक्त पद के लिए उनका नाम आगे बढ़ाया, जिस पर हाईकोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश ने ऐतराज किया। यह प्रकरण इतना बढ़ा कि सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप किया। सबसे बड़ी अदालत में मामला जाने पर न्यायमूर्ति रविन्द्र सिंह ने इस पद की दौड़ से खुद को बाहर करने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री को पत्र लिख दिया। बाद में 16 मई, 2016 को अखिलेश सरकार ने उन्हें राज्य विधि आयोग का चेयरमैन नियुक्त कर दिया। आयोग सरकार को कानूनी सलाह देने, गैरजरूरी हो गए राज्य के कानूनों को उच्चीकृत अथवा उन्हें खत्म करने की सलाह देने की जिम्मेदारी निभाता है। मगर, रविन्द्र सिंह सलाह देने का मौका नहीं मिला क्योंकि कई महीने आयोग के लिए कार्यालय व स्टाफ उपलब्ध नहीं कराया गया और जब यह सुविधाएं मिली तो चुनावी प्रक्रिया शुरू हो गई। ऐसे में बिना कार्य किये न्यायमूर्ति रविन्द्र सिंह ने सोमवार को राज्य विधि आयोग के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री के जरिये राज्यपाल को भेजे अपने इस्तीफे में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी की कार्य शैली की सराहना करते हुए भरोसा जताया है कि प्रदेश विकास की दिशा में बढ़ेगा।

सुप्रीम कोर्ट में सीनियर एडवोकेट नामित
न्यायमूर्ति रविन्द्र सिंह को सुप्रीम कोर्ट में सीनियर एडवोकेट नामित हो गए हैं। इससे वह सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस कर सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में वरिष्ठ जजों की कमेटी हाईकोर्ट के जज पद से रिटायर व्यक्ति को सीनियर एडवोकेट नामित करती है। कमेटी के एक सदस्य की आपत्ति पर सीनियर एडवोकेट नामित नहीं किया जा सकता। रविन्द्र सिंह ने बताया कि वह स्वतंत्र रूप से सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करेंगे। सीनियर एडवोकेट नामित होने का लाभ यह है कि वह जजों की भांति ड्रेस पहन सकेंगे। सामान्य अधिवक्ताओं की श्रेणी से एक श्रेणी ऊपर माना जाएगा।

जफरयाब ने भी दिया इस्तीफा
प्रदेश के अपर महाधिवक्ता जफरयाब जीलानी ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वह बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक भी हैं। इससे पहले प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद महाधिवक्ता विजय बहादुर सिंह समेत आधा दर्जन अपर महाधिवक्ता अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं।
 
chat bot
आपका साथी