Roads In UP: यूपी में सड़कों के गड्ढा मुक्ति अभियान में ढिलाई बरत रहे अफसर, जितिन प्रसाद ने जताई नाराजगी

Roads In UP मुख्‍यमंत्री योगी आद‍ित्‍यनाथ के यूपी की सड़कों के गड्ढा मुक्‍त करने के न‍िर्देशों के बाद भी अफसरों के लापरवाही बरतने पर लोनिवि के मंत्री जितिन प्रसाद ने नाराजगी जताई है। मंत्री ने विभागाध्यक्ष से स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश द‍िया है।

By Prabhapunj MishraEdited By: Publish:Wed, 02 Nov 2022 02:37 PM (IST) Updated:Wed, 02 Nov 2022 02:37 PM (IST)
Roads In UP: यूपी में सड़कों के गड्ढा मुक्ति अभियान में ढिलाई बरत रहे अफसर, जितिन प्रसाद ने जताई नाराजगी
Roads In UP: जितिन प्रसाद ने ढिलाई बरत रहे अफसरों पर जताई नाराजगी

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। Roads In UP मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्री के निर्देशों के बावजूद लोक निर्माण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी सड़कों के गड्ढा मुक्ति अभियान को लेकर गंभीर नहीं हैं। लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद ने सड़कों को गड्ढामुक्त करने के अभियान के पर्यवेक्षण में ढिलाई बरतने पर विभाग के प्रमुख अभियंता (विकास) एवं विभागाध्यक्ष संदीप कुमार से स्पष्टीकरण मांगा है।

सीएम योगी ने 15 नवंबर तक यूपी की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के द‍िए थे न‍िर्देश

विभाग के प्रमुख सचिव नरेंद्र भूषण से भी नाराजगी जतायी है। प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर प्रमुख अभियंता (विकास) एवं विभागाध्यक्ष से स्पष्टीकरण प्राप्त कर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्षा से क्षतिग्रस्त सड़कों को 15 नवंबर तक गड्ढामुक्त करने का निर्देश दिया था। इसी के क्रम में लोक निर्माण मंत्री ने विभाग के अधीन सड़कों को गड्ढामुक्त करने के अभियान की बीती 28 अक्टूबर को समीक्षा की थी। लोक निर्माण मुख्यालय में हुई समीक्षा बैठक में मंत्री ने गड्ढा मुक्ति/विशेष मरम्मत/नवीनीकरण के सभी कार्यों की वित्तीय स्वीकृतियां हर हाल में 31 अक्टूबर तक जारी करने का निर्देश दिया था। साथ ही, लगातार जारी की जा रहीं वित्तीय स्वीकृतियों और गड्ढा मुक्ति अभियान की रोजाना की प्रगति से प्रत्येक कार्यदिवस की शाम पांच बजे तक अवगत कराने का भी निर्देश दिया था। समीक्षा बैठक में उन्होंने यह भी निर्देश दिया था कि विशेष मरम्मत के अंतर्गत 40 लाख रुपये से अधिक के निर्माण कार्यों के लिए वित्तीय स्वीकृतियों के सभी प्रस्ताव प्रत्येक दशा में 31 अक्टूबर तक उपलब्ध करा दिए जाएं। इसके अलावा, यह भी निर्देश दिया था कि प्रतिदिन जोनवार जारी की जाने वाली वित्तीय स्वीकृतियों और उनके सापेक्ष बारिश से क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत की प्रगति का विवरण एलईडी स्क्रीन पर दर्शाया जाए। लोक निर्माण मंत्री ने इस बात पर खेद जताया है कि उनके स्पष्ट निर्देशों के बावजूद पहली नवंबर तक उन्हें प्रगति के विवरण से नहीं अवगत कराया गया है। उन्होंने इसे प्रमुख अभियंता (विकास) एवं विभागाध्यक्ष की पर्यवेक्षणीय शिथिलता का द्योतक माना है। विभाग के प्रमुख सचिव को निर्देश दिया है कि वह प्रमुख अभियंता (विकास) एवं विभागाध्यक्ष से स्पष्टीकरण लेकर उन्हें उपलब्ध कराएं।

विभागाध्यक्ष ने जोनल मुख्य अभियंताओं से तलब किया ब्योरा

मंत्री की ओर से स्पष्टीकरण मांगे जाने के बाद विभागाध्यक्ष ने सारे जोनल मुख्य अभियंताओं से सड़कों की मरम्मत और वित्तीय स्वीकृतियों के बारे में ब्योरा तलब किया है। उन्होंने जोनल मुख्य अभियंताओं से पूछा है कि उनके क्षेत्र में कितनी सड़कों की मरम्मत होनी थी? कितनी सड़कों की मरम्मत के लिए वित्तीय स्वीकृतियां जारी करने के प्रस्ताव उन्होंने भेजे थे? कितने प्रस्ताव स्वीकृत हुए? जो प्रस्ताव नहीं भेजे गए उसका कारण क्या था?

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