भारत में कभी नहीं होगा आइएस का वर्चस्व : राजनाथ

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को भरोसा है कि आतंकवादी संगठन आइएसआइएस का भारत में वर्चस्व कभी स्थापित नहीं हो सकता। लखनऊ में एक सेमीनार में राजनाथ ने माना कि भारत में मुस्लिम परिवार खुद ही अपने बच्चों को सरफिरा होने से रोकते हैं और हजारों की संख्या में इमाम

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Mon, 28 Dec 2015 10:17 AM (IST) Updated:Mon, 28 Dec 2015 01:23 PM (IST)
भारत में कभी नहीं होगा आइएस का वर्चस्व : राजनाथ

लखनऊ। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को भरोसा है कि आतंकवादी संगठन आइएसआइएस का भारत में वर्चस्व कभी स्थापित नहीं हो सकता। लखनऊ में एक सेमीनार में राजनाथ ने माना कि भारत में मुस्लिम परिवार खुद ही अपने बच्चों को सरफिरा होने से रोकते हैं और हजारों की संख्या में इमाम आइएसआइएस के खिलाफ आगे आकर जुलूस निकालते हैं।

राजनाथ सिंह कल अपने संसदीय क्षेत्र लखनऊ में मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय के कुलपति जफर सारेशवाला की अगुआई में 'तालीम की ताकत' विषय पर आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा तालीम व तहजीब सहिष्णुता विकसित करती है और इस वक्त इसी को जिंदा रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा आतंकवाद, उग्रवाद, माओवाद जैसी समस्याओं से तालीम के जरिए ही छुटकारा पाया जा सकता है। तालीम से मतलब केवल अक्षर का ज्ञान ही नहीं है। अलगाववाद से जुड़े तमाम व्यक्ति उच्च शिक्षा प्राप्त हैं, लेकिन उनकी सोच में अंतर है। शिक्षा का मतलब केवल विषय विशेष का ज्ञान ही नहीं बल्कि जीवन मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता है। यहां पर तालीम की सबसे बड़ी ताकत व उपलब्धि होती है कि व्यक्ति मौके व मुकद्दर का मोहताज न रहे।

राजनाथ सिंह ने कहा कि अंग्रेजों ने भारत की तालीम के तौर तरीके बदले और यह दर्शाने की कोशिश की कि जैसे भारत में तालीम के नाम पर कुछ था ही नहीं, लेकिन किसी को यह नहीं भूलना चाहिए कि जब कैम्ब्रिज व आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय स्थापित भी नहीं हुए थे तब भी भारत पूरी दुनिया तालीम व तहजीब का केंद्र माना जाता था। भारत की सहिष्णुता को लेकर कोई सवाल नहीं उठाया जा सकता। भारत में कभी भेदभाव नहीं रहा। केरल में दो हजार साल पुराना चर्च है। दुनिया के किसी इस्लामिक देश में इस्लाम के सभी 72 फिरके नहीं हैं, केवल भारत में ही हैं। पारसी व यहूदियों ने भी माना है कि जितनी इज्जत व मोहब्बत उन्हें भारत में मिली उतनी कहीं और नहीं।

कर्मचारियों का अहित नहीं करेगी केंद्र सरकार

सातवें वेतन आयोग की विसंगतियों को दूर करने की मांग को लेकर इण्डियन पब्लिक सर्विस इम्प्लाइज फेडरेशन के प्रतिनिधिमंडल ने कल को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। राष्ट्रीय अध्यक्ष वीपी मिश्र के नेतृत्व में गए प्रतिनिधिमंडल ने गृहमंत्री को बताया कि सातवें वेतन आयोग में विसंगतियों से कर्मचारियों को नुकसान होगा। उनसे मांग की गई कि विसंगतियों को दूर करने के उपरांत ही संस्तुतियों को एक जनवरी 2016 से लागू किया जाय। गृहमंत्री से प्रधानमंत्री एवं वित्त मंत्री से वार्ता कराने की भी मांग की गई। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि वेतन विसंगतियों पर केंद्रीय वित्त सचिव की समिति अध्ययन कर रही है। विस्तृत रिपोर्ट कैबिनेट सचिव को प्रस्तुत करेगी। उसके बाद केंद्रीय वित्त मंत्री संशोधनों के उपरान्त निर्णय के लिए परिषद के समक्ष प्रस्तुत करेगें। गृहमंत्री ने आश्वासन सन दिया कि छह व सात जनवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली के साथ इपसेफ के पदाधिकारियों के साथ बैठक कराएंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार देश भर के कर्मचारियों के समस्याओं के प्रति संवेदनशील है और विसंगतियों के संशोधनों के उपरान्त ही सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों को लागू करेगी। देश भर के कर्मचारियों का अनहित नहीं किया जायेगा।

एनआइए भवन का आज करेंगे शिलान्यास

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह आज लखनऊ में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) के नये भवन की आधारशिला रखेंगे। गोमतीनगर विस्तार में बनने वाले भवन में कार्यालय और आवास बनाये जा रहे हैं। एनआइए का यह क्षेत्रीय मुख्यालय होगा। यहां से उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, बिहार व छत्तीसगढ़ राज्यों के विशेष मामलों की जांच होती है। अब तक यह कार्यालय लखनऊ के गोमतीनगर में किराये के मकान में चल रहा है। नये भवन निर्माण का कार्य करीब डेढ़ वर्ष में पूरा होगा और 32.66 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गयी है।

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