India Nepal Relation: सीमा पार नेपाल के गांवों में पाक खुफिया एजेंसी की गतिविधियां बढ़ीं, बॉर्डर से सटे 40 गांव जांच के दायरे में

India Nepal Relation लिपुलेख व चीन सीमा विवाद के बाद नेपाल के गांवों में संदिग्ध लोगों की आवाजाही नेपाल सीमा से सटे उसके करीब चालीस गांव नेपाली पुलिस के जांच के दायरे में।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Mon, 14 Sep 2020 06:01 PM (IST) Updated:Mon, 14 Sep 2020 06:01 PM (IST)
India Nepal Relation: सीमा पार नेपाल के गांवों में पाक खुफिया एजेंसी की गतिविधियां बढ़ीं, बॉर्डर से सटे 40 गांव जांच के दायरे में
India Nepal Relation: सीमा पार नेपाल के गांवों में पाक खुफिया एजेंसी की गतिविधियां बढ़ीं, बॉर्डर से सटे 40 गांव जांच के दायरे में

लखीमपुर [हरीश श्रीवास्तव]। क्या भारत-चीन के बीच तनातनी का फायदा पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी उठाना चाहती है? क्या भारत-नेपाल सीमा से सटे नेपाली गांव फिर से एक बार आइएसआइ की गतिविधियों का अड्डा बनने जा रहे हैं? नेपाल पुलिस को कुछ ऐसा ही नजर आ रहा है? तभी नेपाल सीमा से सटे उसके करीब चालीस गांवों को नेपाली पुलिस ने अपने जांच के दायरे में ले लिया है। बताया ये भी जा रहा है? कि इस्लामिक मूवमेंट ऑफ नेपाल व पीएफआई केरल के लोग भी इनसे जुड़े हो सकते हैं। इधर भारत में भी सीमा पर तैनात खुफिया और सुरक्षा की एजेंसियां भी सतर्क हो गई मगर कितनी और कैसे ? ये बताने को फिलवक्त कोई तैयार नहीं।

नेपाल के गांवों में संप्रदाय विशेष की आबादी में बढ़ोत्तरी

बार्डर पर बसे नेपाल के गांवों में संप्रदाय विशेष की आबादी में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। इसको लेकर नेपाल की सरकार फिक्रमंद भी है और वह उसकी जांच भी कर रही है। पर यह मामला भारत के लिए चिंताजनक है, क्योंकि यह इलाका पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ का गढ़ रहा है। भारत में अपराध करने वाले यहां पर शरण पाते रहे हैं। इतना ही नही, एक दशक पहले तक भारत में बम विस्फोट कर दहशत फैलाने वाले मॉड्यूल भी यहां से जाते थे,लेकिन केंद्र में भाजपा सरकार बनने के बाद दहशत का सिलसिला खत्म हो गया और उसका नतीजा यह हुआ कि इस इलाके में रह रहे पाक खुफिया एजेंसी के लोग भी यहां से दूसरी जगह शिफ्ट हो गए।

लिपुलेख सीमा विवाद व चीन से खराब संबंधों ने तूल पकड़ा

भारत-नेपाल के बीच लिपुलेख सीमा विवाद व चीन से खराब संबंधों ने जब से तूल पकड़ा है, तबसे इस इलाके में मुस्लिम युवाओं की तादाद बढ़ी है। सीमा पर बसे नेपाल के गांवों में मुस्लिमों के जो परिवार हैं उनके यहां नए-नए लोग आने जाने लगे हैं। आमतौर पर इन लोगों को रिश्तेदार बताया जाता है पर इनकी गतिविधियां संदिग्ध होती हैं। यह लोग देर रात्रि में आते हैं और तड़के निकल जाते हैं। संदिग्ध गतिविधियों के चलते ही यह लोग नेपाल पुलिस की नजर में आए हैं। नेपाल पुलिस सीमा पर बसे करीब 40 गांवों में ऐसे लोगों की खुफिया तरीके से जांच कर रही है। पर पुलिस अभी किसी नतीजे पर पहुंची नहीं है।

भारत के लिए भी चिंता का कारण बनीं गतिविधियां

सीमावर्ती इलाके में संदिग्ध लोगों की आवाजाही होना व उनका यहां रुकना नेपाल की बजाय भारत के लिए खतरनाक है। हालांकि, सीमा को लेकर शुरू हुए विवाद के पश्चात भारत-नेपाल के अधिकारियों की बैठक हो चुकी है और उसमें इस मुद्दे की कैफियत भी भारत की तरफ से तलब की गई थी, लेकिन नेपाल ने जांच करने की बात कहकर मामला टाल दिया था। उसी के बाद से खुफिया जांच की जा रही है, लेकिन नेपाल के अधिकारी इस बात को सार्वजनिक तौर पर मानते नही हैं। इधर भारत के अधिकारी राजनयिक मामला होने के कारण कुछ भी कहने से बचते हैं।

जिम्मेदार की सुनिए

39वीं बटालियन एसएसबी के कमांडेंट, मुन्ना सिंह ने बताया कि बार्डर पार से आइएसआइ की गतिविधियां पहले से ही संचालित हो रही हैं। लेकिन वह सबकुछ सीमा के उस पार ही हो रहा है लिहाजा नेपाल पुलिस और सरकार ही कुछ कर सकती है। सीमा के इस पार हम सब भी पूरी तरह से सतर्क हैं जो भी कार्रवाई होगी उसका माकूल जवाब दिया जाएगा।

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