अब नहीं चलेगी सफाई कर्मचारियों की मनमानी, देर से पहुंचने पर स्मार्टफोन से मिलेगा अलर्ट, लोकेशन भी होगी ट्रेस
महापौर संयुक्ता भाटिया और नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने शुक्रवार को सफाई कर्मचारियों को स्मार्ट फोन देकर योजना का शुभारंभ किया। इस अवसर पर अपर नगर आयुक्त डा. अर्चना द्विवेदी नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. एसके रावत जोनल अधिकारी-आठ संगीता कुमारी भी मौजूद थीं।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। सफाई कर्मचारियों की तैनाती में चल रहे खेल पर अब रोक लग सकेगी। पहले चरण में सात हजार सफाईकर्मियों को स्मार्ट फोन दिया गया है। अब फोन से सफाई कर्मचारियों की लोकेशन का पता चल सकेगा। कर्मचारी के विलंब से पहुंचने पर संबंधित अधिकारी के पास अलर्ट मैसेज आ जाएगा। कर्मचारी फोन का निजी उपयोग भी कर सकेंगे।
महापौर संयुक्ता भाटिया और नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने शुक्रवार को सफाई कर्मचारियों को स्मार्ट फोन देकर योजना का शुभारंभ किया। इस अवसर पर अपर नगर आयुक्त डा. अर्चना द्विवेदी, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. एसके रावत, जोनल अधिकारी-आठ संगीता कुमारी भी मौजूद थीं।
नगर आयुक्त ने बताया कि सफाई कर्मियों की हदबंदी कर मार्ग का आवंटन कर दिया जाएगा। हदबंदी से सफाई कर्मियों की उपस्थिति की जांच की जाएगी और यह सुनिक्षित किया जाएगा कि संबंधित कर्मचारी सही समय पर निधारित मार्ग पर क्षेत्र की सफाई कर रहा है कि नहीं।
नई व्यवस्था से लाभ
तबादले के विरोध में उतरे स्वास्थ्य कर्मचारी: तबादलों के विरोध में स्वास्थ्य कर्मी लामबंद हो गए हैं। लैब टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट व नर्सिंग संवर्ग में किए गए स्थानांतरण में गड़बड़ी का आरोप लगाकर कर्मचारियों ने आंदोलन की चेतावनी दी है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने जल्दबाजी में किए गए तबादलों को निरस्त कर नई तबादला सूची बनाने की मांग की है।
परिषद पदाधिकारियों ने कहा कि कर्मचारियों के स्थानांतरण में नियमों का पालन नहीं किया गया। पति व पत्नी का अलग-अलग जिलों में तबादला कर दिया गया। संगठन के पदाधिकारियों के भी तबादले कर दिए गए। इसमें राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के वाराणसी के जिला अध्यक्ष शैलेंद्र ङ्क्षसह, मैनपुरी के जिला अध्यक्ष अवधेश ङ्क्षसह, पीलीभीत के जिलाध्यक्ष बीसी यादव व रायबरेली के जिलाध्यक्ष राजेश ङ्क्षसह का दूसरे जिलों में तबादला कर दिया गया। जनपदीय अधिकारियों द्वारा इनके पदाधिकारी होने की सूचना भी दी गई थी, लेकिन फिर भी कार्मिक विभाग के शासनादेश का पालन नहीं किया गया। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुनील यादव ने कहा कि स्थानांतरण के नाम पर धन उगाही की गई।