हमीरपुर बिवांर में खाकी के खौफ से सैकड़ों ने घर छोड़ा

हमीरपुर में घरों के दरवाजे पर कहीं बाहर से ताले लगे तो कोई अंदर से लाक है। करीब पचास घरों में तो लोग पलायन कर जा चुके हैं। बंद घरों में महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग ही बचे हैं। युवा रात में घरों पर नहीं ठहरते। दिन में आते भी हैं

By Ashish MishraEdited By: Publish:Sat, 01 Aug 2015 11:11 AM (IST) Updated:Sat, 01 Aug 2015 11:17 AM (IST)
हमीरपुर बिवांर में खाकी के खौफ से सैकड़ों ने घर छोड़ा

लखनऊ। हमीरपुर में घरों के दरवाजे पर कहीं बाहर से ताले लगे तो कोई अंदर से लाक है। करीब पचास घरों में तो लोग पलायन कर जा चुके हैं। बंद घरों में महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग ही बचे हैं। युवा रात में घरों पर नहीं ठहरते। दिन में आते भी हैं तो पुलिस की नजरों से छिप छिपाकर। पुलिस के खौफ का आलम ये है कि अधिकारियों के हौसला बंधाने के बाद भी लोग सामान्य दिनचर्या शुरू नहीं कर पा रहे।

खाकी वर्दी वालों द्वारा बरपाये कहर को याद कर लोग कांप जाते। लोगों का कसूर इतना भर था कि वह छात्रा के परिजनों के साथ पुलिस से आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग करने गए थे। शव लेकर थाने के सामने पहुंचे ही थे कि खाकी कहर बनकर टूट पड़ी। इसके बाद शुरू हुआ पुलिस का कहर। विकलांग, वृद्ध कोई नहीं बचा। इस कहर में रोहित पाण्डेय को तो अपनी जान तक गंवानी पड़ी। जवाब में आम जनता ने गुस्से में पुलिस के कई वाहन फूंक डाले। रात में ही 17 लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। पुलिस कार्रवाई में घायल के परिवारीजन भी थे। इन्हें जेल में डाल दिया गया। 34 नामजद लोगों के साथ नौ सौ लोगों को थाने पर उपद्रव करने का कुसूरवार मानते हुए मुकदमा हुआ।

गुरुवार को डीआइजी ज्ञानेश्वर प्रसाद तिवारी पहुंचे थे लेकिन लोगों ने उनकी एक भी दलील नहीं सुनीं। कस्बे में पुलिस लोगों के घरों के बाहर अभी भी चक्कर लगा रही है। ऐसे में लोगों के अंदर भय है कि पुलिस द्वारा अज्ञात लोगों पर जो एफआइआर दर्ज की गई है उसमें न जाने किसे अंदर कर दे।

जिलाधिकारी संध्या तिवारी ने बतायाकि जिन लोगों ने थाने में उपद्रव किया है पुलिस उन्हें ही चिन्हित कर कार्रवाई करेगी। बेगुनाहों को परेशान नहीं किया जाएगा। लोग अपनी दिनचर्या निडर होकर शुरू करें।

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