एक डाक्टर ने एक दिन में कैसे की 73 नसबंदी

वाराणसी के चिरईगांव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर चार घंटे में 73 नसबंदी करने व मरीजों को जमीन में लिटाने की जांच ने गति पकड़ ली है। कल परिवार कल्याण निदेशक डॉ. मीनू सागर चिरईगांव केंद्र पहुंची। उन्होंने कहा कि गुरुवार को शिविर में मानक का खुलेआम उल्लंघन किया गया। एक

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Sun, 01 Feb 2015 11:17 AM (IST) Updated:Sun, 01 Feb 2015 11:26 AM (IST)
एक डाक्टर ने एक दिन में कैसे की 73 नसबंदी

लखनऊ। वाराणसी के चिरईगांव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर चार घंटे में 73 नसबंदी करने व मरीजों को जमीन में लिटाने की जांच ने गति पकड़ ली है। कल परिवार कल्याण निदेशक डॉ. मीनू सागर चिरईगांव केंद्र पहुंची। उन्होंने कहा कि गुरुवार को शिविर में मानक का खुलेआम उल्लंघन किया गया। एक सर्जन का एक दिन में 30 नसबंदी कराने का प्रावधान है। इसकी अनदेखी में प्रथम दृष्टया प्रबंधकीय खामी पाई गई है जिसके लिए प्रभारी चिकित्सा अधिकारी जिम्मेदार हैं। उनके साथ ही संबंधितों पर भी कार्रवाई की जाएगी।

सीएमओ दफ्तर में निदेशक डा. मीनू सागर ने कहा कि मानक, मानवीयता और सावधानी से समझौता किसी हाल में नहीं किया जा सकता। महिलाएं आपरेशन से संतुष्ट हैं लेकिन उनकी स्वास्थ्य सुरक्षा की जिम्मेदारी सीधे विभाग की है। ऐसे में मानकों की अनदेखी में शामिल सभी पर कार्रवाई की संस्तुति के साथ रिपोर्ट शासन को दी जाएगी। इसके अलावा आशा और एएनएम को निर्देश दिया जाएगा कि मानक अनुसार संख्या पूरी होने पर वह शिविर में महिलाओं को न ले जाएं। सीएमओ को केंद्रों पर सप्ताह में दो दिन बंध्याकरण शिविर लगाने का निर्देश दिया जाएगा।

परिवार कल्याण निदेशक डा. मीनू सागर ने पीएचसी के समीप नरपतपुर सीएचसी का भी अवलोकन किया। यहां विशाल भवन में न तो पूरा स्टाफ मिला, न ही मूलभूत सुविधाएं और कोई मरीज। उन्होंने शिविर इस केंद्र पर न लगाए जाने पर भी सवाल उठाया। सीएमओ ने रास्ता न होने का हवाला देने पर भी नाराजगी जताई।

प्रभारी की छुट्टी अवैध घोषित

इससे पहले परिवार कल्याण निदेशक कल चिरईगांव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचीं। उन्होंने दो दिन पहले शिविर में बंध्याकरण कराने वाली महिलाओं, परिवारीजनों व आशा कार्यकर्ताओं से स्थिति के बारे में जानकारी ली। एडी डा.बी. राय और सीएमओ डा. एमपी चौरसिया से भी बातचीत की। शिविर के दिन सीएल लगाकर अवकाश पर गए चिकित्सा प्रभारी डा. सुनील गुप्ता की छुïट्टी अवैध घोषित कर दी गई। इसकी उन्होंने सीएमओ दफ्तर से संस्तुति नहीं ली थी।

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