लखनऊ : सिविल अस्‍पताल में म‍िलेगी न्यूक्लिक एसिड टेस्ट की सुविधा, एचआइवी मरीजों को होगा फायदा

अब सिविल अस्पताल में भी मरीजों के नमूने लेकर जांच को भेजे जाएंगे। इसके लिए मरीजों को कोई शुल्क नहीं देना होगा। नमूनों की जांच का भुगतान सिविल अस्पताल एनएचएम फंड से करेगा। ऐसे में मरीज को न्यूक्लिक एसिड टेस्ट के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Thu, 19 Nov 2020 09:55 AM (IST) Updated:Thu, 19 Nov 2020 01:54 PM (IST)
लखनऊ : सिविल अस्‍पताल में म‍िलेगी न्यूक्लिक एसिड टेस्ट की सुविधा, एचआइवी मरीजों को होगा फायदा
अभी सिर्फ केजीएमयू व एसजीपीजीआइ में होती है जांच।

लखनऊ, जेएनएन। सिविल अस्पताल में एचआइवी मरीजों के लिए न्यूक्लिक एसिड टेस्ट(नैट) की सुविधा जल्द शुरू की जाएगी। इससे मरीजों में रक्त संक्रमित एड्स फैलने का खतरा लगभग शून्य हो जाएगा। इसके लिए अस्पताल के डायरेक्टर ने केजीएमयू के कुलपति को पत्र लिखकर नमूनों को जांच करने का अनुरोध किया है। मरीजों के नमूने सिविल अस्पताल में ही कलेक्ट किए जाएंगे। इसके बाद उन्हें जांच के लिए केजीएमयू भेजा जाएगा। अभी तक यह सुविधा केजीएमयू, एसजीपीजीआइ व लोहिया संस्थान में ही उपलब्ध है।

अब सिविल अस्पताल में भी मरीजों के नमूने लेकर जांच को भेजे जाएंगे। इसके लिए मरीजों को कोई शुल्क नहीं देना होगा। नमूनों की जांच का भुगतान सिविल अस्पताल एनएचएम फंड से करेगा। ऐसे में मरीज को न्यूक्लिक एसिड टेस्ट के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। यह बेहद अत्याधुनिक एचआइवी टेस्ट है। जिसमें एचआइवी होने या ना होने का प्राथमिक संक्रमण के दौरान ही पक्का पता चल जाता है। अभी तक अस्पताल में सिर्फ प्रारंभिक जांच ही उपलब्ध है, जिसमें एचआइवी के प्राथमिक संक्रमण का पता नहीं चल पाता। ऐसे में रक्त संक्रमित एड्स होने का खतरा उन मरीजों में बढ़ जाता है, जिन्हें रक्त या रक्त के अवयव चढ़ाए जाते हैं।

सिविल अस्पताल की डायरेक्टर डॉ ज्योत्स्ना पंत ने बताया कि हमारा लक्ष्य मरीजों को रक्त के शुद्ध अवयव उपलब्ध कराना है। इसलिए केजीएमयू से नैट टेस्ट के नमूने को जांच की अनुमति देने का अनुरोध किया गया है। केजीएमयू के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग में यह टेस्ट होता है इसलिए उनसे अनुरोध किया गया है। वही पैथोलॉजी की विभागाध्यक्ष डॉ अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि न्यूक्लिक एसिड टेस्ट का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि जिन मरीजों को रक्त चढ़ाया जाता है, उनमें रक्त से एड्स संक्रमण का कोई खतरा नहीं रह जाएगा। 

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