एक हफ्ते पहले बेटा आया लखनऊ, उसे फंसाया जा रहा है: उमाकांत
पीजीआइ में हिस्ट्रीशीटर दुर्गेश के हत्याकांड में पिता ने बेटे पर लगे आरोप को बताया निराधार बोला पुलिस ने खोली थी फर्जी हिस्ट्रीशीट।
लखनऊ, जेएनएन। पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे हिस्ट्रीशीटर दुर्गेश यादव के पिता उमाकांत ने बताया कि बेटा एक हफ्ते पहले ही लखनऊ आया था। बेटे पर रुपए लेकर नौकरी लगवाने का आरोप निराधार है। आरोपितों पर कड़ी कार्यवाई होनी चाहिए।
उमाकांत ने बताया कि दुर्गेश उनका इकलौता बेटा था। परिवार में दुर्गेश के अलावा उसकी पत्नी अनीता, बेटी आर्या (5) और बेटा आरु (3) है। उन्होंने बताया कि परसों बेटे के फोन पर बात हुई थी। उसने चार-पांच दिन बाद आने के लिए कहा था।वह लखनऊ में चार साल से रह रहा था। आरोप है कि बेटे की फर्जी हिस्ट्रीशीट खोली गई थी। उन्हें हत्यारोपितों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। बेटे का काम के सिलसिले में सचिवालय में आनाजाना था। पर उसने रुपए लेकर नौकरी के नाम पर ठगी की इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है। इसके अलावा पोस्टमार्टम हाउस में दुर्गेश के चाचा रमाकांत यादव, चचेरा भाई रामजन्म व अन्य परिवारीजन मौजूद रहें।
11 अगस्त को पौत्री के जन्मदिन पर घर मे ही था बेटा :
उमाकांत ने बताया कि 11 अगस्त को पौत्री आर्या का घर पर जन्मदिन था। दुर्गेश व सभी परिवारीजनों ने घर पर पार्टी की थी। हंसी खुशी का माहौल था। बेटा कुछ दिन तक घर पर रह फिर एक हफ्ते पहले लखनऊ आ गया था।
यह था मामला
बता दें कि राजधानी के पीजीआइ थाना क्षेत्र स्थित वृंदावन कॉलोनी के सेक्टर 14 में बुधवार सुबह एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मृतक दुर्गेश मूल रूप से गोरखपुर के मठ भताड़ी उरुवा बाजार निवासी उमाकांत यादव का पुत्र था। दुर्गेश उरुवा थाने का हिस्ट्रीशीटर था। वह गोरखपुर से मंगलवार को लखनऊ आया था और सचिवालय में सेक्शन अधिकारी अजय कुमार यादव के वृंदावन कॉलोनी स्थित मकान में किराये पर रह रहे दोस्त के साथ ठहरा था। हत्या से पहले हमलावरों ने दुर्गेश को कमरे में बंदकर जमकर पीटा। यही नहीं उसके कपड़े भी फाड़ दिए और वीडियो बनाकर वायरल कर दिया।
आरोप है कि बुधवार सुबह खरगापुर गोमतीनगर निवासी पलक ठाकुर अपने साथी फीरोजाबाद जिले के मसीरपुर में धनापुर गांव निवासी मनीष कुमार यादव व अन्य के साथ वहां पहुंची। सभी ने दुर्गेश के बारे में पूछताछ की। दुर्गेश उस दौरान बाथरूम में था। जैसे ही बाहर निकला, आरोपितों ने उसे दबोच लिया। दुर्गेश के साथी ओमेंद्र ने बताया कि आरोपितों ने दुर्गेश पर हमला बोल दिया। बीचबचाव करने पर उन लोगों ने असलहा तान दिया। वहां मौजूद अन्य युवकों को कमरे में बंद कर दिया। यही नहीं हमलावरों ने दुर्गेश को कमरे में बंदकर उसकी जमकर पिटाई की। दुर्गेश को अर्धनग्न कर लात, घुसे व चप्पल से पिटाई की और इसका वीडियो बनाते रहे।