लद गए हार्ट सर्जरी के दिन, अब नेचुरल बाईपास से होगा दिल का इलाज

इलाज की नई तकनीक की जा रही इजाद जिसमें खुद बनेगी नई धमनी, साथ ही मधुमेह रोगियों को नहीं पड़ेगी इंसुलिन लगाने की जरूरत।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Sun, 07 Oct 2018 08:11 PM (IST) Updated:Sun, 07 Oct 2018 08:11 PM (IST)
लद गए हार्ट सर्जरी के दिन, अब नेचुरल बाईपास से होगा दिल का इलाज
लद गए हार्ट सर्जरी के दिन, अब नेचुरल बाईपास से होगा दिल का इलाज

लखनऊ (आशीष त्रिवेदी)। अब आपको भविष्य में हार्ट की बाईपास सर्जरी नहीं करवानी पड़ेगी। नेचुरल बाईपास से आपका हार्ट ठीक से काम करना शुरू कर देगा। रिकॉम्बीनेंट प्रोटीन मॉलीक्यूल्स, स्टेम सेल और ग्रोथ फैक्टर की मदद से यह काम आसानी से हो जाएगा। यह जानकारी नीदरलैंड से आए इंडियन एकेडमी ऑफ बायोमेडिकल साइंसेज के संस्थापक अध्यक्ष प्रो. हरि शंकर शर्मा ने दी। वह विज्ञान महोत्सव के तहत केजीएमयू के कलाम सेंटर में आयोजित हेल्थ कॉन्क्लेव में उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे।

प्रो.शर्मा ने बताया कि यह प्रयोग चूहों व जानवरों पर पूरी तरह सफल पाया गया है और जल्द ही मनुष्य में इसकी टेस्टिंग कर इसे शुरू किया जाएगा। नई दवाओं की खोज की गई है जिससे क्रॉनिक ऑबस्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) से ग्रस्त मरीजों को बेहतर मैनेजमेंट कर 10 से 20 साल जिंदगी बढ़ाई जा सकती है। आइआइटीआर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एबी पंत ने बताया कि मधुमेह के रोगियों को आगे इंसुलिन नहीं लगानी पड़ेगी। मनुष्य के पैंक्रियाज में बीटा सेल होती है वह इंसुलिन बनाती है। ऐसे में स्टेम सेल की मदद से बीटा सेल को बढ़ाया जा सकेगा और मनुष्य को कम से कम दस से पंद्रह वर्ष इंसुलिन लगाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। इसी तरह ब्लड कैंसर में बोन मैरो से स्टेम सेल निकालते हैं। कैंसर ग्रस्त मरीज का रेडियो थेरेपी के माध्यम से बोन मैरो बर्न कर दी जाती है, फिर नई स्टेम सेल डाल दी जाती है। इसके बाद व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता खत्म होने की वजह से उसे संक्रमण न हो आइसोलेशन में रखते हैं। नई बोन मैरो बनने से वह ब्लड कैंसर से बच जाता है। करीब छह महीने का समय इस इलाज में लगता है।

थाली के चावल से शरीर में जा रहा खतरनाक आर्सेनिक

चावल खाएं मगर संभलकर तो अच्छा होगा। इससे भी आपके शरीर में आर्सेनिक जा रहा है। एरा यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो.अब्बास अली मेंहदी ने बताया कि अब धान की सिंचाई ज्यादातर ट्यूबवेल से ही होती है। ऐसे में ग्राउंड वाटर में मौजूद आर्सेनिक चावल में पैबस्त हो रहा है। इससे आपको त्वचा, फेफड़े व मूत्राशय का कैंसर हो सकता है। ऐसे में चावल बनाने से पहले उसे पानी में भिगो लें और उबालकर पानी फेंक दे। इससे चावल में जो आर्सेनिक है वह निकल जाएगा। पॉलिश युक्त चावल में आर्सेनिक नहीं होती। मूर्तियों को पानी में विसर्जित करने से पानी में लेड की मात्रा बढ़ रही है।

मिर्गी के दौरे में आपरेशन कारगर

देश में 50 लाख लोगों को मिर्गी के दौरे आते हैं और हर साल पांच लाख नए लोग इसमें जुड़ जाते हैं। अगर आपको बार-बार दौरे आ रहे हैं और दवा से ज्यादा लाभ नहीं मिल रहा तो तुरंत आपरेशन करवाएं। एसजीपीजीआइ के न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉ. अनंत मेहरोत्रा ने बताया कि पांच से छह लाख लोगों को आपरेशन की जरूरत होती है लेकिन मात्र 800 आपरेशन ही हो पाते हैं। इसमें दिमाग का हिस्सा टेम्पोरल लोब में प्रभावित नस को ठीक किया जाता है।

ब्राह्मी डोपामिन की कमी को दूर करती ह

ब्राह्मी खाने से आप पार्किंसन्स, अल्जाइमर व डिमेंशिया जैसी बीमारियों से बच सकते हैं। यह आपके दिमाग में डोपामिन की कमी दूर करती है। यह जानकारी केजीएमयू के बायो केमेस्ट्री विभाग की प्रो. शिवानी पांडेय ने दी। डोपामिन जिस नर्व से निकलती है, ब्राह्मी उसे नर्व को जेनरेट करती है।

chat bot
आपका साथी