अयोध्‍या : रौनाही में मस्जिद की भूमि का विरोध, हाजी महबूब व इकबाल अंसारी ने जताई असहमति

अवमानना के मसले पर आपसी सहमति से होगा निर्णय।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Thu, 06 Feb 2020 04:58 PM (IST) Updated:Thu, 06 Feb 2020 10:13 PM (IST)
अयोध्‍या : रौनाही में मस्जिद की भूमि का विरोध, हाजी महबूब व इकबाल अंसारी ने जताई असहमति
अयोध्‍या : रौनाही में मस्जिद की भूमि का विरोध, हाजी महबूब व इकबाल अंसारी ने जताई असहमति

अयोध्या, जेएनएन। मस्जिद की भूमि रौनाही में दिए जाने का विरोध मुस्लिम पक्षकारों ने शुरू कर दिया है। योगी सरकार ने बुधवार को कैबिनेट की बैठक में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुपालन में सोहावल तहसील के राजस्व गांव धन्नीपु़ुर में मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन देने की मंजूरी प्रदान कर दी है। मस्जिद के लिए भूमि का एलान होने के बाद मुस्लिमों के बीच कानाफूसी तेज हो गई है। विरोध का आलम यह है कि मस्जिद की अदालती लड़ाई के दो प्रमुख पक्षकार हाजी महबूब व इकबाल अंसारी के विरोध का स्वर एक जैसा हो गया है।

अदालती लड़ाई में दोनों की पहचान अलग-अलग ध्रुव की रही। दोनों ने कहा, रौनाही में मस्जिद की भूमि कबूल नहीं। मस्जिद के प्रमुख पक्षकार रहे हाजी महबूब कहते हैं कि रौनाही में मस्जिद उन्हें ही नहीं किसी भी मुस्लिम को स्वीकार नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इसे अनुपालन नहीं कहा जाएगा। अवमानना में सुप्रीम कोर्ट जाने के सवाल पर बोले शीर्ष नेतृत्व जो निर्णय लेगा, उसके साथ होंगे।

मस्जिद के दूसरे पक्षकार रहे इकबाल अंसारी को भी रामनगरी से 25 किमी दूर मस्जिद के लिए भूमि देना रास नहीं आया। इकबाल बोले, हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ हैं। फैसले में मस्जिद की पांच एकड़ भूमि अयोध्या में देने का उल्लेख है। उस फैसले के अनुपालन के साथ हैं। रामनगरी से 25 किमी दूर मस्जिद उन्हें ही नहीं देश के किसी मुस्लिम को स्वीकार नहीं होगी। सुप्रीम फैसले की अवमानना के सवाल पर वह कहते हैं कि इस बारे में जो भी निर्णय होगा, स्वीकार होगा। वहीं रौनाही क्षेत्र के मुस्लिम भी मस्जिद की भूमि के प्रस्ताव से उत्साहित नहीं हैं। वे भी कहते हैं, मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी व हाजी महबूब रहे। भूमि के बारे में सहमति व असहमति का मतलब उनका है, यहां के लोगों का नहीं। 

chat bot
आपका साथी