छह दिन बाद लागू होने वाले नए नियमों का हवाला देकर तन्वी-सादिया के पासपोर्ट को हरी झंडी

पुलिस रिपोर्ट में प्रतिकूल रिपोर्ट न होने और नए नियमों का हवाला देकर आरोपों से घिरी तन्वी सेठ उर्फ सादिया के पासपोर्ट को हरी झंडी दे दी गई।

By Nawal MishraEdited By: Publish:Wed, 04 Jul 2018 05:30 PM (IST) Updated:Fri, 06 Jul 2018 08:04 AM (IST)
छह दिन बाद लागू होने वाले नए नियमों का हवाला देकर तन्वी-सादिया के पासपोर्ट को हरी झंडी
छह दिन बाद लागू होने वाले नए नियमों का हवाला देकर तन्वी-सादिया के पासपोर्ट को हरी झंडी

लखनऊ(जेएनएन)। पुलिस रिपोर्ट में प्रतिकूल रिपोर्ट न होने और नए नियमों का हवाला देकर आरोपों से घिरी तन्वी सेठ उर्फ सादिया के पासपोर्ट को हरी झंडी दे दी गई। महत्वपूर्ण बात यह है कि देश में कहीं से भी आवेदन करने का नियम गत 26 जून से लागू हुआ जबकि तन्वी सेठ का प्रकरण 20 जून का है। ऐसे में तन्वी सेठ पर यह नया नियम लागू ही नहीं होता है। जानकारी छिपाने का अब भी प्रावधान 500 रुपये जुर्माना है। मामला तन्वी सेठ के पासपोर्ट आवेदन में महत्वपूर्ण जानकारियां छिपाने का था, जबकि इस नए नियम की आड़ में दस्तावेजों की रिपोर्ट को आधार बनाया गया। पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट में जानकारी छिपाने की बात सामने आई। जबकि नए नियम के अनुसार तन्वी के खिलाफ कोई मुकदमा न होने और उनकी नागरिकता को आधार बना दिया गया। क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी पीयूष वर्मा ने पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट को खारिज करते हुए क्लीयरेंस देने की पुष्टि कर दी है। 

पासपोर्ट क्लियरेंस कार्रवाई अधिकारी ने कई बार बदली कार्रवाई  नोटिस देकर अधीक्षक का तबादला  पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट को खारिज  छह दिन बाद बनने वाला नियम लागू 

जांच की दिशा ही बदली 

क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी ने जांच की दिशा ही बदल दी। उन्होंने एक जून, 2018 से लागू पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट प्रारूप और 26 जून से लागू नए नियम को मिलाकर तन्वी सेठ को क्लीन चिट दे दी। मामला यह था कि तन्वी ने पासपोर्ट आवेदन में जन्म स्थान लखनऊ लिखा जबकि वह गोंडा की मूल निवासी थी। तन्वी ने पासपोर्ट एक्ट 1967 के तहत आवेदन में अपना नाम बदलकर सादिया अनस किए जाने की जानकारी छिपाई। वह पिछले एक साल से अधिक समय से लखनऊ सेबाहर नोएडा में रह रही हैं यह जानकारी भी नहीं दी। जबकि इन आरोपों की पुष्टि पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट और एलआइयू की जांच रिपोर्ट करती है। ऐसे में तन्वी के अमीनाबाद स्थित पते पर कैसरबाग थाने में कोई आपराधिक मामला दर्ज होने की रिपोर्ट आधार नहीं बन सकती थी। वह नोएडा के सेक्टर 76 में रहती हैं इस कारण वहां के स्थानीय पुलिस थाना से सत्यापन किया जाना चाहिए था। इसी तरह जब पुलिस रिपोर्ट कहती है कि तन्वी सेठ का वर्तमान पता नोएडा का है तो वहां की नागरिकता की जांच रिपोर्ट को सही माना जाना चाहिए। तन्वी सेठ के पास लखनऊ के पते का आधार कार्ड है जिसे नए नियम में शामिल किया गया। 

29 जून को हुआ खेल 

पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट भले ही 26 जून की दोपहर दो बजे पासपोर्ट विभाग के सिस्टम पर अपलोड हो गई थी लेकिन, क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी के दिल्ली में होने के चलते रिपोर्ट होल्ड की गई। वह 29 जून को कार्यालय आए और जैसे ही उन्होंने पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट की जांच की, खुद को फंसता हुआ देख एक फोन तन्वी सेठ को किया गया। तन्वी से एक रिसीविंग मंगाई गई। यह रिसीविंग केवल दो घंटे के भीतर पासपोर्ट आफिस में जमा कराई गई। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि इससे साबित हो सकता था कि तन्वी सेठ को हाथ में नहीं बल्कि सिस्टम के तहत पासपोर्ट दिया गया।

ऐसे बदले पासपोर्ट अफसर के रंग

शुरू से ही एकतरफा कार्रवाई से विवादों में रहे पासपोर्ट अधिकारी ने कार्रवाई को कई बार बदला। पहले तो नियम विपरीत पासपोर्ट देने के बाद वरिष्ठ अधीक्षक विकास मिश्र को कारण बताओ नोटिस देकर उनका तबादला गोरखपुर कर दिया गया। दिल्ली में होने का हवाला देकर उन्होंने कहा कि वह लौटकर नियमानुसार कार्रवाई करेंगे। इस बीच 30 जून और एक जुलाई को शनिवार व रविवार का अवकाश हो गया। सूत्र बताते हैं कि सोमवार दो जुलाई को क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी ने पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट को दरकिनार करते हुए पासपोर्ट को हरी झंडी दे दी। 

पासपोर्ट अधिकारी ने खुद को बताया सही 

दैनिक जागरण ने क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी पीयूष वर्मा से कई सवाल पूछे। उन्होंने बताया कि एक जून, 2018 से छह बिंदुओं की पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट बनाने का नियम लागू हुआ है। इसके तहत एक सवाल नागरिकता और पांच सवाल आवेदक पर अपराध को लेकर पूछे जाते हैं। ऐसे में पुलिस ने इन बिंदुओं पर कोई प्रतिकूल रिमार्क अंकित नहीं किया है। पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट में कुछ ऐसा नहीं है जिससे तन्वी सेठ उर्फ सादिया का पासपोर्ट रद किया जाए। 

सुषमा ने कहा, लीजिए ब्लॉक कर दिया

तन्वी सेठ के पासपोर्ट को हरी झंडी देने की बात सामने आते ही विदेश मंत्री सुषमा स्वराज एक बार फिर ट्विटर पर ट्रोल हुईं। विदेश मंत्री ने भी अनोखे अंदाज में अपना जवाब दिया। यूजर सोनम महाजन ने लिखा कि वह उस ग्रुप से हैं जो आपको अपशब्द कह रहे हैं। अब आप मुझको भी ब्लॉक करके इनाम दीजिए, इंतजार रहेगा। इस पर सुषमा स्वराज ने लिखा, इंतजार क्यों लीजिए ब्लॉक कर दिया।

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