यूपी में स्थापित होगी जेम की पहली प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट, अब विभागों में हर खरीद पर नजर रखेगी योगी सरकार

गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जेम) पोर्टल से खरीदारी में देश में पहला स्थान हासिल करने वाली योगी सरकार अब इस व्यवस्था को और पारदर्शी बनाने जा रही है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Fri, 13 Dec 2019 02:03 PM (IST) Updated:Fri, 13 Dec 2019 02:04 PM (IST)
यूपी में स्थापित होगी जेम की पहली प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट, अब विभागों में हर खरीद पर नजर रखेगी योगी सरकार
यूपी में स्थापित होगी जेम की पहली प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट, अब विभागों में हर खरीद पर नजर रखेगी योगी सरकार

लखनऊ [जितेंद्र शर्मा]। गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जेम) पोर्टल से खरीदारी में देश में पहला स्थान हासिल करने वाली योगी सरकार अब इस व्यवस्था को और पारदर्शी बनाने जा रही है। वस्तु और सेवाओं की खरीद में भ्रष्टाचार पर अंकुश और प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए देश की पहली जेम प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (पीएमयू) यूपी में स्थापित की जा रही है। इसके लिए भारत सरकार से करार भी हो चुका है।

सरकारी विभागों में वस्तु और सेवाओं की खरीदारी में कमीशनखोरी रोकने और पारदर्शी तरीके से छोटे उद्यमियों को भी उत्पाद बिक्री का अवसर देने के लिए भारत सरकार ने अगस्त 2016 में जेम पोर्टल शुरू किया। शासनादेश हुआ कि सरकारी विभाग इस पोर्टल के माध्यम से ही वस्तु और सेवाओं की खरीद करेंगे। उद्यमियों और सेवा प्रदाताओं ने इस पोर्टल पर पंजीयन कराया। योगी सरकार ने इस व्यवस्था पर जोर दिया और हाल ही में उप्र सरकार को जेम पोर्टल से खरीद में पहला पुरस्कार भारत सरकार द्वारा दिया गया।

सरकार का मानना है कि अभी भी कुछ विभाग टेंडर या कोटेशन के माध्यम से खरीद कर लेते हैं। चूंकि निगरानी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है, इसलिए पता भी नहीं चल पाता है। इसे देखते हुए ही भारत सरकार से प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट स्थापित करने का करार हुआ है। प्रमुख सचिव सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) डॉ. नवनीत सहगल ने बताया कि यह देश की पहली यूनिट होगी। इसमें भारत सरकार द्वारा दस लोगों की टीम तैनात की जाएगी, जो प्रदेश के विभागों में होने वाली हर खरीद पर नजर रखेगी। उसके बाद कोई यदि जेम पोर्टल की बजाए अन्य माध्यम से खरीदारी करता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।

जीता भरोसा तो लक्ष्य हुआ 21 हजार करोड़

जेम पोर्टल की व्यवस्था को काफी हद तक लागू करने में योगी सरकार को कामयाबी मिली। पिछले वर्ष लगभग  2100 करोड़ रुपये की सामग्री और सेवाएं इसके माध्यम से क्रय की गईं। इससे भारत सरकार का प्रदेश सरकार पर भरोसा मजबूत हुआ है। यही वजह है कि वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए इस लक्ष्य को बढ़ाकर 21 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया है। इसे हासिल करने के लिए ही पीएमयू की स्थापना की जा रही है। 

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