इस बार लखनऊ में नहीं लगी बकरामंडी, हेरिटेज जोन में बिक रहे बकरे Lucknow News

गोमती किनारे घाट के पास जलमग्न मैदान में पसरा सन्नाटा बकरीद का त्योहार 12 को। हज्ज का चांद होने के साथ ही लग जाती थी मेहंदी घाट के पास बकरामंडी।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Sun, 04 Aug 2019 07:25 PM (IST) Updated:Mon, 05 Aug 2019 05:36 PM (IST)
इस बार लखनऊ में नहीं लगी बकरामंडी, हेरिटेज जोन में बिक रहे बकरे Lucknow News
इस बार लखनऊ में नहीं लगी बकरामंडी, हेरिटेज जोन में बिक रहे बकरे Lucknow News

लखनऊ , जेएनएन। ईद-उल-अजहा (बकरीद) का त्योहार 12 अगस्त को मनाया जाएगा। बकरीद के त्योहार में अब कुछ दिन ही शेष हैं, लेकिन बावजूद इसके अब तक पुराने शहर में बकरामंडी नहीं सजी। रविवार को राजधानी सहित अन्य शहरों से आए बकरा विक्रेताओं ने नींबू पार्क के पास ही मंडी लगा दी, देर शाम तक पुलिस की निगाह के सामने सड़क किनारे खुलेआम कुर्बानी के जानवरों की खरीद-फरोख्त जारी है। जबकि, हुसैनाबाद हेरिटेज जोन में बकरे बेचना प्रतिबंधित है। 

पुराने शहर में गोमती नदी के किनारे मेहंदी घाट के पास बकरामंडी के लिए जगह तय है, लेकिन घाट के पास मैदान में पानी भरा होने से दिनभर सन्नाटा पसरा रहा। दूर दराज से आने वाले विक्रेताओं ने नींबू पार्क से लेकर गुलाब वाटिका तक सड़क किनारे खड़े होकर बकरे बेचे। इस बीच दिनभर लोगों को जाम से जूझना पड़ा। हेरिटेज जोन में लगी बकरा मंडी में राजधानी सहित आसपास के अन्य जिलों से विक्रेता कुर्बानी के एक से बढ़कर एक अच्छी नस्ल के महंगे जानवर (बकरा, भेड़ व दुंबा) बेचने लेकर पहुंचे थे। सुबह से देर शाम तक हेरिटेज जोन में बकरों की खरीदारी का सिलसिला जारी है। अच्छी नस्ल के बकरे खरीदने के लिए लोग विक्रेता को मुह मांगी कीमत देने को तैयार है। इसबार बाजार बढ़ा हुआ है। इसलिए खरीदारों की पंसद के हिसाब से विक्रेता अपने बकरों की मोटी कीमत वसूल रहे हैं। 

बाजार में आठ हजार से लेकर 40 हजार तक के बकरे बिकने आए। महमूदाबाद से बकरा बेचने आए रफीक बताते हैं कि त्योहार के करीब होने के साथ ही जानवरों की कीमतों में पांच से दस हजार तक उछाल आने की संभावना है। वहीं, बाराबंकी रामनगर बदोसराय से बकरा लेकर आए रईस बताते हैं कि जैसे-जैसे बकरीद करीब आएगी, बकरे की कीमतें बढ़ेंगी। 

उम्मीद की जा रही है कि एक दो दिन में गोमती किनारे मेहंदी घाट के पास बकरा मंडी लगेगी। बकरा विक्रेताओं का कहना था कि मंडी लगाने के लिए अब तक गोमती किनारे कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं, न ही बिजली की व्यवस्था की गई है और न ही पानी निकाला गया है। ऐसे में वहां बकरा बेचना संभव नहीं है।  

इनका रखें ध्यान

बकरे की उम्र दस माह से अधिक हो जानवर में कोई कमी न हो, बीमार न हो उसके दूध के दांत टूट चुके हों कोई कटे या जख्म का निशान न हो कोई अंग खराब न हो, सींग टूटी न हो खरीदे जानवर पर ही कुर्बानी जायज

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