विद्युत नियामक आयोग ने ट्रस्ट बिलिंग सुविधा लागू करने का दिया आदेश

उप्र विद्युत नियामक आयोग के आदेश के अनुसार बिजली उपभोक्ताओं को मीटर रीडर और विश्वास आधारित बिलिंग प्रणाली यानी ट्रस्ट बिलिंग की सुविधा जल्द मिलने लगेगी।

By Ashish MishraEdited By: Publish:Tue, 21 Mar 2017 08:49 PM (IST) Updated:Tue, 21 Mar 2017 08:57 PM (IST)
विद्युत नियामक आयोग ने ट्रस्ट बिलिंग सुविधा लागू करने का दिया आदेश
विद्युत नियामक आयोग ने ट्रस्ट बिलिंग सुविधा लागू करने का दिया आदेश

लखनऊ ( जेएनएन)। पॉवर कॉरपोरेशन की विद्युत वितरण कंपनियों ने यदि इस बार उप्र विद्युत नियामक आयोग का आदेश माना तो प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को मीटर रीडर और बिलिंग बाबुओं के मकडज़ाल से बचाने वाली विश्वास आधारित बिलिंग प्रणाली यानी ट्रस्ट बिलिंग की सुविधा जल्द मिलने लगेगी। हालांकि आयोग ने 10 महीने पहले कानून बना कर इसे लागू करने का आदेश दिया था, लेकिन वितरण कंपनियों ने एक कान से सुनकर दूसरे कान से आदेश निकाल दिया। अब आयोग ने कंपनियों को कड़ी फटकार लगाते हुए तुरंत ट्रस्ट बिलिंग लागू करने को कहा है।
आयोग के सचिव संजय श्रीवास्तव ने बताया कि ट्रस्ट बिलिंग के तहत ऑनलाइन बिलिंग की सुविधा वाले सभी नगरों में उपभोक्ताओं को ऐसा विकल्प उपलब्ध कराया जाएगा, जिसके तहत वे स्वयं अपने बिजली मीटर की रीडिंग ई-मेल या एसएमएस के जरिए भेज सकेंगे। इस विकल्प के लिए उपभोक्ता को अपनी ई-मेल आइडी या मोबाइल नंबर संबंधित वितरण कंपनी की वेबसाइट पर रजिस्टर करना होगा। शहरी उपभोक्ताओं को प्रतिमाह और ग्रामीण उपभोक्ताओं को दो महीने में एक बार अपनी रीडिंग प्रस्तुत करनी होगी। छह महीने बाद उपभोक्ता अपना विकल्प बदल भी सकेंगे। इस व्यवस्था के तहत रीडिंग के सही होने की जिम्मेदारी उपभोक्ता की होगी। यदि उपभोक्ता ने कम रीडिंग प्रस्तुत की तो इसे बिजली चोरी की श्रेणी में माना जाएगा।
ट्रस्ट बिलिंग का आदेश जारी करते समय आयोग ने उम्मीद जताई थी कि इससे जहां ईमानदार व निष्ठावान उपभोक्ताओं को सुविधा होगी, वहीं वितरण कंपनियों को राजस्व वसूली में भी सहूलियत मिलेगी, लेकिन वितरण कंपनियों की उदासीनता से यह मंशा पूरी नहीं हो पाई। पिछले साल 27 मई को जारी इस आदेश के लागू न होने पर उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने 15 मार्च को जनहित प्रत्यावेदन दायर किया, जिस पर नियामक आयोग ने मंगलवार को फैसला सुनाते हुए सभी बिजली कंपनियों के प्रबंध निदेशकों से जवाब तलब करते हुए इस प्रणाली को अविलंब लागू करने का आदेश दिया है।
 

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