Children Physical Abuse Case: अवर अभियंता के आठ मोबाइल उगलेंगे कुकृत्यों की कहानी

आरोपित के मोबाइल फोन से जूनियर इंजीनियर के कुकृत्यों की पूरी कहानी सामने आ सकती है। सीबीआइ इसके साथ ही जूनियर इंजीनियर को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेने के लिए गुरुवार को बांदा कोर्ट में अर्जी दाखिल करने की तैयारी भी कर रही है।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Thu, 19 Nov 2020 07:15 AM (IST) Updated:Thu, 19 Nov 2020 07:15 AM (IST)
Children Physical Abuse Case: अवर अभियंता के आठ मोबाइल उगलेंगे कुकृत्यों की कहानी
आरोपित के दो मददगारों पर भी टिकी सीबीआइ की नजर।

लखनऊ, जेएनएन। सीबीआइ बच्चों का यौन शोषण करने वाले जूनियर इंजीनियर रामभवन के घर से मिले आठ मोबाइल फोन, पेन ड्राइव व अन्य इलेक्ट्रनिक उपकरणों को खंगालने में जुट गई है। आरोपित के मोबाइल फोन से जूनियर इंजीनियर के कुकृत्यों की पूरी कहानी सामने आ सकती है। सीबीआइ इसके साथ ही जूनियर इंजीनियर को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेने के लिए गुरुवार को बांदा कोर्ट में अर्जी दाखिल करने की तैयारी भी कर रही है। सूत्रों का कहना है कि जूनियर इंजीनियर के दो मददगारोें की भूमिका भी सामने आई है। हालांकि सीबीआइ पहले उनके विरुद्ध साक्ष्य जुटाने के प्रयास कर रही है।

सीबीआइ पुलिस कस्टडी रिमांड के दौरान जूनियर इंजीनियर से इस बिंदू पर भी सिलसिलेवार पूछताछ करेगी। सीबीआइ अब प्रकरण में उन बच्चों तक भी पहुंचने का प्रयास कर रही है, जिन्हें जूनियर इंजीनियर ने अपना निशाना बनाया था। सूत्र बताते हैं कि सीबीआइ ने करीब 10 पीड़ित बच्चों की पहचान कर ली है और अन्य के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। सीबीआइ पीड़ित बच्चों के परिवारीजन से भी संपर्क कर और जानकारियां जुटाने का प्रयास करेगी। सीबीआइ को अब तक की छानबीन में करीब 600 फोटो व छह से अधिक वीडियो मिले हैं। इनके जरिए भी छानबीन के कदम बढ़ाए जा रहे हैं। बताया गया कि अब तक जिन बच्चों की पहचान की गई है, वे आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के हैं।

आशंका यही है कि आरोपित रामभवन ऐसे परिवारों के ही बच्चों को निशाना बनाता था और उन्हें टाफी, चॉकलेट व अन्य तोहफे देकर अपने चंगुल में फंसाता था। उम्र में थोड़ा बड़े बच्चों को वह मोबाइल देकर अपने जाल में फंसा लेता था। बताया गया कि करीब छह साल पहले दो बच्चों के परिवार ने आरोपित रामभवन की हरकतों का विरोध किया था और इसे लेकर विवाद भी हुआ था। तब रामभवन ने मामले को किसी तरह शांत करा लिया था और शिकायत पुलिस तक नहीं पहुंची थी। रामभवन ने इसके बाद अपना आवास भी बदल दिया था। सीबीआइ रामभवन की इंटरनेट मीडिया पर रही गतिविधियों व संपर्क में रहे लोगों के बारे में भी छानबीन कर रही है।

उल्लेखनीय है कि चित्रकूट में सिंचाई विभाग में तैनात आरोपित रामभवन 10 सालों से बच्चों का यौन उत्पीडऩ करने के साथ ही उनकी अश्लील वीडियो बनाकर बेच रहा था। आरोपित अभियंता ने 50 से अधिक बच्चों काे अपना निशाना बनाया। चाइल्ड उत्‍पीड़न की आनलाइन मानीटरिंग के लिए गठित सीबीआइ दिल्ली की विशेष यूनिट ने गहन छानबीन के बाद आरोपित जूनियर इंजीनियर को मंगलवार को बांदा से गिरफ्तार किया था। उसके चित्रकूट स्थित आवास से करीब आठ लाख रुपये, मोबाइल फोन, वेब कैमरा, लैपटाप, पेन ड्राइव, मेमोरी कार्ड, अन्य इलेक्ट्रानिक उपकरण व आपत्‍त‍िजनक ट्वाय बरामद किए गए थे। मामला संज्ञान में आने के बाद रामभवन को निलंबित कर दिया गया है।

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