चीरा लगाए बगैर ठीक कर दी रीढ़ की टेढ़ी हड्डी, लोह‍िया संस्‍थान के डॉक्‍टरों ने द‍िलाया दर्द से न‍िजात

लोहिया संस्थान के डॉक्टरों ने छोटे से छेद से की जटिल सर्जरी। सात साल से दर्द से परेशान थीं अलीगंज निवासी मंजू।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Wed, 20 Nov 2019 05:04 PM (IST) Updated:Thu, 21 Nov 2019 07:22 AM (IST)
चीरा लगाए बगैर ठीक कर दी रीढ़ की टेढ़ी हड्डी, लोह‍िया संस्‍थान के डॉक्‍टरों ने द‍िलाया दर्द से न‍िजात
चीरा लगाए बगैर ठीक कर दी रीढ़ की टेढ़ी हड्डी, लोह‍िया संस्‍थान के डॉक्‍टरों ने द‍िलाया दर्द से न‍िजात

लखनऊ, जेएनएन। पिछले सात साल से कमर दर्द और पैरों में झनझनाहट से परेशान अलीगंज की 59 वर्षीय मंजू को डॉक्टरों ने दर्द से निजात दिला दी। लोहिया संस्थान के न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने रीढ़ की हड्डी का टेढ़ापन दूर करने के लिए मिनिमल इन्वेसिव ओलिफ विधि द्वारा केवल छेद कर जटिल सर्जरी को अंजाम दिया। मंजू अब बिल्कुल ठीक हैं और उन्हें सोमवार को छुट्टी दे दी गई।

ऑपरेशन से पूर्व उनकी स्थिति काफी खराब थी। वह मुश्किल से कुछ कदम ही चल पाती थीं। केजीएमयू सहित कई अस्पतालों के चक्कर उन्होंने लगाए पर आराम नहीं मिला। लोहिया संस्थान के डॉक्टरों ने जांच की तो पता चला कि रीढ़ की हड्डी टेढ़ी है। डॉक्टरों ने पहली बार मिनिमल इन्वेसिव ओलिफ विधि से बिना चीरा लगाए एक छोटे से छेद से रीढ़ की हड्डी का टेढ़ापन दूर किया।

बिना चीरा लगाए किया ऑपरेशन

डॉ. राकेश सिंह ने बताया कि महिला तीन माह पहले इलाज के लिए आई थी। जांच में एडल्ट डिजनरेटिव डिफॉर्मिटी की पुष्टि हुई। पहले सर्जरी सात-आठ सेंटीमीटर का लंबा चीरा लगाकर की जाती थी। लेकिन, लोहिया संस्थान के न्यूरो सर्जरी विभाग में मिनिमल इन्वेसिव ओलिफ विधि से महिला की सर्जरी कर रीढ़ के टेढ़ेपन को दूर किया गया।

ओपन सर्जरी में लगते थे आठ घंटे

डॉ. सिंह के मुताबिक ओपन सर्जरी में सात-आठ घंटे लगते थे, लेकिन ओलिफ विधि में केवल तीन घंटे में ऑपरेशन कर बीमारी को दूर किया गया। ऑपरेशन के दौरान अधिक ब्लड लॉस भी नहीं हुआ। डॉ. राकेश का कहते हैं कि प्रदेश में पहली बार ऐसा ऑपरेशन किया गया है। ऑपरेशन में करीब ढाई लाख रुपये का खर्च आए।

ऑपरेशन में ये रहे शामिल

डॉ. राकेश सिंह, डॉ. डीके सिंह, डॉ. विपुल, एनेस्थीसिया के डॉ. सूरज।  

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