'डेथ ट्रैप' का मंचन कर ब्लू व्हेल गेम से किया सचेत

- दृश्यभारती की ओर से नाटक डेथ ट्रैप का मंचन - कलाकारों ने शानदार अभिनय कर तालियां बट

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Dec 2017 06:46 PM (IST) Updated:Sat, 16 Dec 2017 07:05 PM (IST)
'डेथ ट्रैप' का मंचन कर ब्लू व्हेल गेम से किया सचेत
'डेथ ट्रैप' का मंचन कर ब्लू व्हेल गेम से किया सचेत

- दृश्यभारती की ओर से नाटक डेथ ट्रैप का मंचन

- कलाकारों ने शानदार अभिनय कर तालियां बटोरीं

जागरण संवाददाता, लखनऊ :

खूनी खेल ब्लू व्हेल के चक्कर में अब तक न जाने कितने बच्चे आत्महत्या कर चुके हैं। कई देशों में ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। शनिवार को 'डेथ ट्रैप' नाटक ने बच्चों को जागरूक कर ब्लू व्हेल गेम से दूर रहने की नसीहत के साथ अभिभावकों को सचेत कर बच्चे की हरकतों पर नजर रखने की अपील की।

दृश्यभारती की ओर से शनिवार की शाम कैसरबाग स्थित राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह में नाटक का मंचन किया गया। लेखक सुरेश चंद्र शुक्ला के लिखे नाटक का निर्देशन आनंद शर्मा ने किया। मुख्य अतिथि सीआरपीएफ के डीआइजी सैयद मुहम्मद हसनैन ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। नाटक की शुरुआत सूरज के फांसी लगाने से होती है। तभी उसके पिता प्रकाश वहां पहुंचकर सूरज को बचा लेते हैं। कारण पूछने पर सूरज बताता है कि उसको बीस हजार रुपये की आवश्यक्ता है। प्रकाश अपने बेटे को पैसा दे देते हैं, बाद में उस पैसे से एक पार्सल आता है। उसमें मोबाइल निकलता है। एक दिन मोबाइल पर ब्लू व्हेल गेम का प्रस्ताव आता है। धीरे-धीरे सूरज गेम में फंसता चला जाता है। एक रात प्रकाश सूरज की शर्ट को धुलने उठाता है तो उसमें खून के धब्बे देख वह चौक उठता है। सूरज की ओर बढ़ता है तो प्रकाश को हाथ पर मछली बनी देख घबरा जाता है। प्रकाश कुछ समझ नहीं पाता, तो वह अपने दोस्त जमील से इस बारे में पूछता है। तब जमील उसको ब्लू व्हेल गेम के बारे में बताता है। गेम के आखिरी टास्क में सूरज छत से कूदने की कोशिश करता है, लेकिन प्रकाश वहां पहुंचकर उसे बचा लेता है। नाटक में जमील खान, दीपक शर्मा, आनंद शर्मा, नवनीत कौर व फिरदौस हुसैन सहित बाल कलाकारों ने शानदार अभिनय किया।

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