ई-मेल स्पूफिंग के जरिए ठगी करने वाला गिरफ्तार, नाइजीरियन गिरोह का था सदस्य

लखनऊ में नाइजीरियन गिरोह के सक्रिय एक सदस्य को साइबर सेल ने दबोचा केजीएमयू की महिला डॉक्टर से ठगे थे 80 हजार रुपये का अमेजन गिफ्ट कार्ड।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Sat, 14 Mar 2020 07:52 PM (IST) Updated:Sun, 15 Mar 2020 08:29 AM (IST)
ई-मेल स्पूफिंग के जरिए ठगी करने वाला गिरफ्तार, नाइजीरियन गिरोह का था सदस्य
ई-मेल स्पूफिंग के जरिए ठगी करने वाला गिरफ्तार, नाइजीरियन गिरोह का था सदस्य

लखनऊ, जेएनएन। साइबर क्राइम सेल ने ई-मेल स्पूफिंग के जरिये ठगी करने वाले नाइजीरियाई गिरोह के एक सदस्य को गिरफ्तार किया है। आरोपित ने साथियों के साथ मिलकर केजीएमयू की डॉक्टर शुभ्रा चौधरी से 80 हजार रुपये हड़प लिए थे। पीडि़ता ने साइबर क्राइम सेल में मामले की शिकायत की थी। पड़ताल के दौरान साइबर सेल की टीम ने 15 नवीन अपार्टमेंट सैनिक विहार नॉर्थ-वेस्ट दिल्ली निवासी समीर सेठ को गिरफ्तार किया है। 

डॉ. शुभ्रा केजीएमयू की बायो केमिस्ट्री विभाग में कार्यरत हैं। गिरोह ने एचओडी नाम से फर्जी ई-मेल आइडी बनाई थी। ई-मेल स्पूफिंग कर ठगों ने उन्हें मेल भेजकर अमेजन गिफ्ट कार्ड के लिए एक लाख 80 हजार रुपये मांगे थे। ई-मेल में अति आवश्यक काम पडऩे की बात लिखी गई थी। डॉ. शुभ्रा ने ई-मेल पढऩे के बाद अमेजन पे के जरिये 80 हजार रुपये भेज दिए। इसके बाद उन्होंने शेष एक लाख रुपये भेजने से पहले अपने एचओडी को फोन कर इस बारे में बताया। इसके बाद फर्जीवाड़े की जानकारी हुई।

ठगी की रकम से खरीदा सोना

साइबर क्राइम सेल ने मामले की पड़ताल शुरू की तो पता चला कि ठगी की रकम से सोना खरीदा गया है। साक्ष्य एकत्र करने के बाद साइबर सेल की टीम ने दिल्ली से समीर सेठ को गिरफ्तार किया। पूछताछ में समीर ने बताया कि नाइजीरिया के उसके साथी ई-मेल स्पूफिंग कर अलग-अलग खातों में रुपये स्थानांतरित कराते हैं। ठग अमेजन पे वॉलेट के माध्यम से गिफ्ट कार्ड निर्धारित कीमत का मांगते हैं। झांसे में आकर लोग निर्धारित रकम का गिफ्ट कार्ड भेज देते हैं।

बिट क्वाइन लेता है गिरोह

आरोपित समीर ने बताया कि वह 30 प्रतिशत कमीशन लेकर गिफ्ट कार्ड को अपने अमेजन वॉलेट में क्रेडिट कराता था। इसके बाद उससे सोना खरीदता था। खरीदा गया सोना बेचकर जो राशि उसे मिलती थी उस पर 10 फीसद कमीशन लेकर बिट क्वाइन के माध्यम से गिरोह सरगना को ट्रांसफर कर देता था। इस तरह आरोपित को ठगी की रकम का कुल 40 फीसद हिस्सा प्राप्त होता था। 

ये है ई-मेल स्पूफिंग 

ठग वास्तविक नाम से मिलती-जुलती ई-मेल आइडी बनाकर लोगों को झांसा देते हैं। इसके बाद उनसे आवश्यक काम पडऩे की बात बोलकर रुपयों की मांग करते हैं। मिलती जुलती ई-मेल आइडी होने के कारण लोग जालसाजी का शिकार हो जाते हैं।

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