खून-पसीने की मिलेगी तो खाएंगे, मेहनतकश बनने की राह पर अपराधियों ने ली सौगंध

उप्र के सीतापुर में अपराध छोड़ मेहनतकश बनने की राह पर अपराधी, एनकाउंटर के भय से थाने में देते हैं हाजिरी, वहीं सोते है

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Thu, 17 May 2018 12:45 PM (IST) Updated:Thu, 17 May 2018 01:12 PM (IST)
खून-पसीने की मिलेगी तो खाएंगे, मेहनतकश बनने की राह पर अपराधियों ने ली सौगंध
खून-पसीने की मिलेगी तो खाएंगे, मेहनतकश बनने की राह पर अपराधियों ने ली सौगंध

लखनऊ [अजय शुक्ला]। राजधानी लखनऊ से सटे सीतापुर जिले में पब्लिक, पुलिस और अपराधियों के बीच एक नए तरह का रिश्ता जुड़ रहा है। पुलिस बेटियों को थानेदारी की कमान सौंप रही है, बालिग प्रेमी जोड़ों को परिणय सूत्र में बांध रही है और अपराधियों को सौगंध दिलाकर जरायम छोड़ मेहनतकश बनने का पाठ पढ़ा रही है। परिणाम सकारात्मक निकल रहा है। दो दिन पहले सोमवार को लहरपुर कोतवाली में सजा काट चुके या जमानत पर रिहा 51 लोगों ने पुलिस अफसरों की मौजूदगी में अपराध छोड़ मेहनतकश बनने की सौगंध ली।

यह मुहिम जिले के एसपी आनंद कुलकर्णी की पहल पर शुरू हुई है। सोमवार को उनकी मौजूदगी में एएसपी मधुबन सिंह द्वारा शपथ के बाद 51 अपराधियों का श्रम विभाग में पंजीकरण भी कराया गया है। इनका चयन पहले से किया गया था। लहरपुर पुलिस द्वारा यह पहल अपराधिक घटनाओं को कम करने के लिए की गई। सीओ लहरपुर अखंड प्रताप सिंह के मुताबिक, अब इन लोगों को कौशल विकास मिशन से प्रशिक्षण भी दिलवाया जाएगा। सभी अपनी रुचि के ट्रेडों का प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे और फिर स्वरोजगार से जुड़ जाएंगे।

इनकाउंटर के भय से लगाते हैं हाजिरी, थाने में ही सोते हैं

एसपी आनंद कुलकर्णी ने पिछले छह महीनों में सीतापुर में पुलिसिंग के और भी कई प्रयोग किये हैं। पहले उन्होंने सभी थानों में डोजियर रजिस्टर पर लूट, डकैती, नकबजनी और वाहन चोरी में शामिल 1800 अपराधियों की सूची बनवाई।

इसके बाद अभियान चलाकर 23 इनामी दबोचे और पांच ने आत्मसमर्पण कर दिया। लहरपुर में यह प्रयोग एक कदम आगे बढ़ा। यहां पुलिस की पहल पर एनकाउंटर के डर से पुराने अपराधी हाजिरी लगाने लगे। ये दोबारा अपराध न कर सकें, इसके लिए पुलिस ने भरोसा होने तक इनके वहीं रात में सोने की भी व्यवस्था कराई। थानों में हिस्ट्रीशीटरों की बैठक कराई गई और इन्हीं लोगों को बाद में शपथ दिलाई गई।

यूं जनता से जुड़ी पुलिस

पुलिस और पब्लिक के बीच दूरियां कम करने के उद्देश्य से एक-एक कर जिले के 26 थानों की कमान होनहार छात्राओं को सौंपी गई। थानों की कमान मिलने के बाद बेटियां भी पूरे एक्शन में रहीं। जिले भर में वाहन चेकिंग के दौरान बेटियों ने करीब 200 वाहनों का चालान किया। इसी तरह प्रेमी युगलों द्वारा कोई गलत कदम उठाने से रोकने के लिए पुलिस ने पहले उनके परिवारीजन को मनाया और फिर थानों में ही शादी समारोह आयोजित कराए। लहरपुर और सदरपुर में दो विवाह भी कराए गए। पुलिस अब तक छह शादियां और दो विवाह करवा चुकी है। 

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