CM योगी आदित्यनाथ के संबोधन पर मायावती का पलटवार, बोलीं- बात करने से नहीं आएगा रामराज्य

BSP Supremo Mayawati बसपा मुखिया ने कहा कि बीजेपी के केवल रामराज्य की बात करने से यूपी की गरीब जनता का विकास व उत्थान आदि होने वाला नहीं है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Sat, 22 Aug 2020 05:31 PM (IST) Updated:Sat, 22 Aug 2020 05:31 PM (IST)
CM योगी आदित्यनाथ के संबोधन पर मायावती का पलटवार, बोलीं- बात करने से नहीं आएगा रामराज्य
CM योगी आदित्यनाथ के संबोधन पर मायावती का पलटवार, बोलीं- बात करने से नहीं आएगा रामराज्य

लखनऊ, जेएनएन। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने सीएम योगी आदित्यनाथ के विधानमंडल के मानसून सत्र के संबोधन पर पलटवार किया है। सीएम योगी आदित्यनाथ के अपने संबोधन में प्रदेश में पहले से बेहतर कानून-व्यवस्था तथा तेजी से विकास होने की बात पर मायावती ने कहा कि सिर्फ बात करने से सब ठीक नहीं हो जाता है।

मायावती ने विधानमंडल का सत्र समाप्त होने के बाद ही चार ट्वीट किए और सरकार पर हमला बोला। बसपा मुखिया ने कहा कि बीजेपी के केवल रामराज्य की बात करने से यूपी की गरीब जनता का विकास व उत्थान आदि होने वाला नहीं है। इससे न ही उन्हेंं जुल्म-ज्यादती से निजात ही मिलने वाली है बल्कि श्रीराम के उच्च आदर्शों पर चलकर सरकार चलाने से ही यह सब सम्भव हो सकता है। उन्होंने कहा कि भाजपा की यह सरकार तो इसपर एक कदम भी नहीं चल रहे हैं। यह सरकार तो उन आदर्श पर चलती हुई नजर नहीं आ रही है।

मायावती ने एक बार फिर ब्राह्मण कार्ड खेला। मायावती ने कहा कि खासकर ब्राह्मण समाज के प्रति बीजेपी की जातिवादी कार्यशैली से दुखी होकर अब इस पार्टी से अलग होकर रहेगा। इसके साथ ही बीएसपी में जुड़ते हुये ब्राह्मण समाज के लोग कह रहे हैं कि तिलक, तराजू की बात करने वाले अब परशुराम की बात कर रहे हैं, लेकिन यह समाज काफी बुद्धिमान है। इनके बहकावे में नहीं आयेगा। मायावती ने कहा कि जबकि जग-जाहिर तौर पर तिलक, तराजू आदि की बात बीएसपी ने कभी नहीं कही और ना ही बाबरी मस्जिद के स्थान पर शौचालय बनाने की भी बात कही है। यह सब घृणित आरोप विरोधियों नेे केवल बीएसपी को नुकसान पहुंचाने के लिए इन्हेंं जबरन हमारी पार्टी से जोड़ दिया है, जो अति-निन्दनीय।

मायावती ने कहा कि यदि इस आरोप में थोड़ी भी सत्यता होती तो फिर बीएसपी अपनी पिछली सरकार में खासकर ब्राह्मण समाज के विधायकों को बड़ी संख्या मेंकंत्री व अन्य उच्च पदों पर क्यों रखती। वैसे यह समाज सब कुछ जानता है। वह भाजपा की सरकार के सब्जबाग से बिल्कुल गुमराह नहीं होंगे। बसपा को तो ब्राह्मण समाज पर पूरा भरोसा है। 

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