Coronavirus Lucknow News: पथराई आंखों से पहचान रहे अपनों की ‘मिट्टी’, सामने आ रही सरकारी तंत्र की संवेदनहीनता

Coronavirus Lucknow News लखनऊ के भैसाकुंड श्मशान घाट पर सरकारी तंत्र की संवेदनहीनता का दृश्‍य। कई जगह से खुली और फटे रैपर के साथ पीपीई किट पैक पहुंचे शव।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Fri, 18 Sep 2020 08:52 AM (IST) Updated:Fri, 18 Sep 2020 08:52 AM (IST)
Coronavirus Lucknow News: पथराई आंखों से पहचान रहे अपनों की ‘मिट्टी’, सामने आ रही सरकारी तंत्र की संवेदनहीनता
Coronavirus Lucknow News: पथराई आंखों से पहचान रहे अपनों की ‘मिट्टी’, सामने आ रही सरकारी तंत्र की संवेदनहीनता

लखनऊ [अजय श्रीवास्तव]। Coronavirus Lucknow News: कोरोना से किसी अपने की मौत का दर्द तो दूसरी तरफ सरकारी तंत्र की संवेदनहीनता। भैसाकुंड श्मशान घाट पर गुरुवार को इस संवेदनहीनता ने जो दृश्य उपस्थित किया वह मानवीय संवेदनाओं को भी छलनी कर गया। स्वजन के निधन से शोक में डूबे परिवार के लोग शव आने का इंतजार कर रहे थे।

अचानक एक एंबुलेंस (यूपी 41 जी 3797) पहुंची। उसमें तीन शव पीपीई किट में पैक थे। किट कई जगह से खुली थी और रैपर भी फटा था। ऊपर किसी का नाम नहीं था। अब कैसे पहचानें शव किसका है? एंबुलेंस शव उतारकर चली गई। शव के पास कोई नहीं रह सकता था। परिवार के लोगों के सामने दुविधा यह थी कि जब पहचान नहीं तो दूर से स्वजन के शव को अंतिम विदाई कैसे दें। कोरोना इलाज के बदतर इंतजाम का दंश झेलने के बाद अपनों की अंतिम विदाई से दूर होने का दर्द गोमती किनारे श्मशान घाट पर झलक रहा था। 

तब नगर निगम के तीन कर्मचारी यहां जिम्मा संभालते हैं। इनमें दो शवदाह गृह में अंतिम संस्कार कराते है और एक कर्मचारी लिखापढ़ी करता है। यह काम भी दूर से होता है। शव लाने वाला एंबुलेंस कर्मचारी भी बस इतना बता देता है कि फलां जगह से फलां-फलां का शव आया है। नगर निगम के एक कर्मचारी का कहना था कि दो दिन से बहुत परेशानी हो गई है। तीन-चार शव एक साथ लाए जा रहे हैं। परिजन परेशान हैं कि उनके परिचित का कौन सा शव है? पीपीई किट खोली नहीं जा सकती है तो पहचान कराने में दिक्कत हो रही है।

एंबुलेंस वाले कर रहे डीजल चोरी का खेल!

पहले एक एंबुलेंस से एक ही शव आता था। पीछे-पीछे परिवारजन भी साथ में होते थे। परिवारजन को चार पीपीई किट दी जाती थीं, जिससे वह मृतक स्वजन के शव पर गंगाजल या फिर कोई सामग्री डालना चाहें तो डाल सकते हैं। ऐसा यहां होता भी था। दूर से खड़े परिजन को पता रहता था कि अब उनके परिजन को विद्युत शवदाह गृह में ले जाया जा रहा है। अब एक ही एंबुलेंस से तीन-चार शव ला रहे। इसके पीछे डीजल चोरी का खेल है।

क्‍या कहते हैं डीएम ? 

जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश का कहना है कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि शव की पहचान हो जाए। यह भी पता किया जाएगा कि एक बार में तीन से चार शव क्यों भेजे जा रहे हैं।

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