Coronavirus Guidelines in UP : सर्दी-जुकाम वाले लोगों की सख्त निगरानी, हेल्पलाइन से मिलेगी मदद

प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों को निर्देश दिए हैं कि वे ऐसे लोगों को चिह्नित करें और कोरोना पॉजिटिव पाए जाते हैं तो इन्हें भर्ती करें।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Sat, 30 May 2020 09:40 PM (IST) Updated:Sat, 30 May 2020 09:40 PM (IST)
Coronavirus Guidelines in UP : सर्दी-जुकाम वाले लोगों की सख्त निगरानी, हेल्पलाइन से मिलेगी मदद
Coronavirus Guidelines in UP : सर्दी-जुकाम वाले लोगों की सख्त निगरानी, हेल्पलाइन से मिलेगी मदद

लखनऊ, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के समय इंन्फ्लूएंजा ग्रस्त लोगों की निगरानी को और सख्त किया गया है। जिन्हें सर्दी-जुकाम, गले में खराश और सांस में दिक्कत होगी, ऐसे लोगों की निगरानी आशा वर्कर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम व मेडिकल स्टोर चलाने वाले फार्मासिस्ट करेंगे। मेडिकल स्टोर पर रखे रजिस्टर पर सर्दी-जुकाम के मरीजों का ब्योरा होगा। जल्द ही स्वास्थ्य विभाग एक हेल्पलाइन नंबर जारी करेगा, जिसके माध्यम से इंफ्लूएंजा ग्रस्त लोगों को मदद दी जाएगी। तत्काल विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ऐसे लोगों की स्क्रीनिंग करेगी। अगर जरूरत पड़ी तो तत्काल कोरोना जांच के लिए इन लोगों के नमूनें लिए जाएंगे।

प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने सभी चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों को निर्देश दिए हैं कि वह ऐसे लोगों को चिह्नित करें और कोरोना पाजिटिव पाए जाते हैं तो तुरंत इन्हें कोविड-19 अस्पताल में भर्ती करें। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि हवाई यात्रा व रेल यात्रा के माध्यम से यूपी आ रहे लोगों के लिए प्रोटोकॉल निर्धारित किया गया है।

एक जून से और ट्रेनें शुरू होंगी। ऐसे में बाहर से आ रहे प्रवासी लोगों को अगर सात दिन से कम समय के लिए यूपी में रहना है तो उन्हेंं होम क्वारंटाइन नहीं किया जाएगा। इनसे जरूरी जानकारी लेकर इनकी ट्रैकिंग की जाएगी। वहीं जो इससे अधिक समय के लिए प्रदेश में रहेंगे, उन्हेंं 14 दिन के होम क्वारंटाइन में रहना होगा। मगर इसमें छूट यह है कि अगर छठे दिन वह अपना कोरोना टेस्ट करवाते हैं और रिपोर्ट निगेटिव आती है तो फिर उन्हेंं होम क्वारंटाइन में बाकी आठ दिन नहीं काटने होंगे। उनका होम क्वारंटाइन खत्म हो जाएगा और वह सामान्य लोगों की तरह कहीं पर भी आ जा सकेंगे।

दूसरे प्रदेशों से आ रहे प्रवासी मजदूरों व अन्य लोगों को देखते हुए जांच में भी तेजी लाई जा रही है। करीब दस हजार के आसपास सैंपल अब भेजे जा रहे हैं। अब 12 ऑटोमैटिक आरएनए एक्सट्रेक्टर मशीनें मंगवाई गई हैं जो जल्द प्रयोगशाला में भेजी जाएंगी। इससे जांच में और तेजी आएगी।

ट्रूनैट मशीन से ही हो सकेगी कोरोना पुष्टि के लिए दूसरी जांच  : स्वास्थ्य विभाग ने 20 जिलों में ट्रूनैट मशीनें पहुंचा दी हैं और 55 जिलों में चार-पांच दिन में मशीनें पहुंच जाएंगी। इन मशीनों की मदद से लोगों में कोरोना जांच की सिर्फ घंटे भर में ही की जा सकती है। अभी आरटी-पीसीआर जांच में कम से कम आठ घंटे लगते हैं। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि आइसीएमआर ने कोविड-19 जांच को दोबारा पुष्ट करने के लिए की जाने वाली दूसरी जांच को भी ट्रूनैट मशीनों से करने की छूट दे दी है। ऐसे में अब अस्पतालों की इमरजेंसी में आ रहे मरीजों की तत्काल स्क्रीनिंग की जा सकेगी।

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