UP News: सीएम योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देश, बोले- जीवन से खिलवाड़ है मिलावटखोरी, कतई न होगी बर्दाश्त
त्योहारों का मौसम शुरु हो गया है। ऐसे में खाने पीने की चीजों में मिलावट की घटनाएं भी सामने आती रहती है। इस संबंध में सीएम योगी आदित्यनाथ ने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि खाद्य पदार्थों में मिलावटखोरी जीवन से खिलवाड़ है। इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो टूक कहा है कि खाद्य पदार्थों में मिलावटखोरी जीवन से खिलवाड़ है। इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मिलाावटखोरी की हर शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश देते हुए जांच के लिए प्रदेशव्यापी अभियान चलाने के लिए कहा है। साथ ही अधिकारियों को निर्देशित किया है कि खाद्य और औषधि प्रयोगशालाओं में नमूनों की जांच क्षमता को बढ़ाएं।
मिलाावटखोरी की तो खैर नहीं, सीएम ने दिए फौरन कार्रवाई के निर्देश
ईज आफ डूइंग बिजनेस के प्रयासों में कारोबारियों की सहूलियत को देखते हुए ड्रग लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया को सरल किया जाए। मुख्यमंत्री ने शनिवार को अपने सरकारी आवास पर आयोजित बैठक में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के कामकाज की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि खानपान की वस्तुओं की शुद्धता के लिए प्रदेशव्यापी अभियान शुरू करें। सरकार सभी 25 करोड़ प्रदेशवासियों के लिए सुरक्षित व स्वास्थ्यप्रद खाद्य एवं औषधि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए संकल्पित है। प्रदेश में अधोमानक, नकली, मिलावटी या प्रतिबंधित दवाओं का निर्माण, बिक्री और वितरण किसी भी दशा में नहीं होना चाहिए। ऐसी गतिविधियों पर नियंत्रण बनाए रखें। कहा कि मिलावटखोरी आमजन के जीवन से खिलवाड़ है। किसी भी सूरत में मिलावटखोरी को सहन नहीं किया जाएगा। पर्व-त्योहारों को देखते हुए खाद्य पदार्थों की जांच तेज की जाए। मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री की हर शिकायत पर तत्काल संज्ञान लिया जाए। मिशन रूप में प्रदेशव्यापी निरीक्षण हो। मिलावटखोरों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए। सीएम ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में खाद्य प्रयोगशालाओं की विश्लेषण क्षमता 30,000 खाद्य नमूने प्रति वर्ष की है। इसे बढ़ाकर एक लाख से अधिक नमूने की क्षमता तक बढ़ाया जाए। इसी तरह औषधि प्रयोगशालाओं की विश्लेषण क्षमता 10,000 औषधि नमूने प्रति वर्ष है। उसे 50 हजार तक बढ़ाएं। अधिकारियों को निर्देशित किया कि ड्रग लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया को और सरल किया जाना आवश्यक है। आवेदन के बाद लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया एक तय समय सीमा के भीतर पूरी होनी चाहिए। आवेदक को परेशान न होना पड़े। वहीं, औषधि नियंत्रक के पद पर योग्य अधिकारी का चयन करते हुए पूर्णकालिक तैनाती की जाए।जल्द पूरा कराएं मंडलीय प्रयोगशालाओं का निर्माण- मुख्यमंत्री
योगी ने कहा कि पिछले दिनों सात मंडल मुख्यालयों पर सचल खाद्य जांच प्रयोगशालाएं शुरू हो चुकी हैं। मेरठ, गोरखपुर और आगरा में दवाओं के नमूनों का विश्लेषण करने की सुविधा शुरू हो गई है। इसी तरह लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, बस्ती, मुरादाबाद, झांसी, सहारनपुर, अलीगढ़, मीरजापुर, बरेली, आजमगढ़, अयोध्या और देवीपाटन मंडल में मंडलीय प्रयोगशालाओं का निर्माण जल्द से जल्द पूरा कराया जाए।
जिला स्तर पर एक नोडल अधिकारी तैनात करते हुए इन कार्यों की दैनिक निगरानी की जाए। अनावश्यक देरी होने पर जवाबदेही तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रयोगशालाओं में जांच उपकरणों की कमी न रहे। मानकों के अनुरूप इनके रखरखाव, वैधता अवधि, क्रियाशीलता आदि का परीक्षण किया जाए। औषधि एवं प्रयोगशाला संवर्ग की समीक्षा करते हुए आवश्यकता के अनुसार नए पद भी सृजित किए जाने चाहिए।