Agra Museum Rename: सीएम योगी आदित्यनाथ का बड़ा ऐलान- मुगल नहीं, छत्रपति शिवाजी के नाम पर होगा आगरा म्यूजियम

आगरा मंडल के विकास कार्यों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को निर्देश दिए कि मुगल म्यूजियम का नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर किया जाए।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Mon, 14 Sep 2020 10:15 PM (IST) Updated:Tue, 15 Sep 2020 09:07 AM (IST)
Agra Museum Rename: सीएम योगी आदित्यनाथ का बड़ा ऐलान- मुगल नहीं, छत्रपति शिवाजी के नाम पर होगा आगरा म्यूजियम
Agra Museum Rename: सीएम योगी आदित्यनाथ का बड़ा ऐलान- मुगल नहीं, छत्रपति शिवाजी के नाम पर होगा आगरा म्यूजियम

लखनऊ, जेएनएन। समाजवादी पार्टी की सरकार में बनना शुरू हुआ मुगल म्यूजियम अभी बनकर तैयार भी नहीं हुआ कि उसका नाम भी बदलना तय हो गया। आगरा मंडल के विकास कार्यों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को निर्देश दिए कि मुगल म्यूजियम का नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर किया जाए। साथ ही आगरा एयरपोर्ट, मेट्रो प्रोजेक्ट में तेजी लाने और खारे पानी समस्या का जिक्र खुद करते हुए अधिकारियों से इसके समाधान पर काम करने के लिए कहा।

इस ऐलान के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा कि 'आगरा में निर्माणाधीन म्यूजियम को छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम से जाना जाएगा। आपके नए उत्तर प्रदेश में गुलामी की मानसिकता के प्रतीक चिन्हों का कोई स्थान नहीं। हम सबके नायक शिवाजी महाराज हैं। जय हिंद, जय भारत।'

आगरा में निर्माणाधीन म्यूजियम को छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम से जाना जाएगा।

आपके नए उत्तर प्रदेश में गुलामी की मानसिकता के प्रतीक चिन्हों का कोई स्थान नहीं।

हम सबके नायक शिवाजी महाराज हैं।

जय हिन्द, जय भारत।

— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 14, 2020

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगरा मंडल के विकास कार्यों की समीक्षा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपने सरकारी आवास से की। सीम योगी ने पर्यटन नगरी में निर्माणाधीन मुगल म्यूजियम का भी मुद्दा गंभीरता से लिया। उल्लेखनीय है कि समाजवादी पार्टी की सरकार ने आगरा में ताजमहल के निकट मुगल म्यूजियम बनवाना शुरू किया। उत्तर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ ही यह खटाई में पड़ गया था। लाखों रुपये खर्च होने के बाद उसकी उपयोगिता पर सवाल उठने शुरू हुए। साथ ही नाम बदले जाने की चर्चा भी चल रही थी। अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुलकर निर्देश दे दिए हैं कि इसका नाम मुगल नहीं, छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर होगा।

सांसद और विधायकों से निर्माणाधीन विकास परियोजनाओं की प्रगति पर फीडबैक लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विकास की गति को और तेज करने के निर्देश दिए। दोहराया कि शासन स्तर पर धनराशि की कोई कमी नहीं होगी। सीएम योगी ने कहा कि आगरा मंडल में खारे पानी की समस्या है। कुछ क्षेत्र फ्लोराइड प्रभावित हैं। पेयजल योजनाओं पर विशेष ध्यान दिया जाए। लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए अटल भूजल योजना से काम कराया जाए। जल-जीवन मिशन की योजनाएं आगे बढ़ाई जाएं। उन्होंने मंडलायुक्त को निर्देशित किया कि जनप्रतिनिधि और सभी संबंधित संस्थाओं के साथ समन्वय बनाकर पेयजल की समस्या का समाधान कराएं। हर घर नल योजना और निर्माणाधीन पाइप पेयजल योजनाएं समय से पूरी हों।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगरा स्मार्ट सिटी और अमृत योजना के काम जल्दी पूरे करने, केंद्र सरकार से समन्वय बनाकर आगरा एयरपोर्ट संबंधी प्रस्ताव प्रस्तुत करने और आगरा मेट्रो के काम तेजी से बढ़ाने के निर्देश दिए। सड़कों का निर्माण व मरम्मत बरसात के समाप्त होते ही शुरू करने को कहा है। अधिकारियों ने अपने-अपने जिले की योजनाओं का विस्तृत ब्योरा बैठक में रखा। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डॉ. दिनेश शर्मा, ग्राम्य विकास मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह, एमएसएमई राज्यमंत्री चौधरी उदयभान सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारी उपिस्थत थे।

जिलों में हर परियोजना के लिए अलग नोडल अधिकारी : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रत्येक जिले में हर परियोजना के लिए एक नोडल अधिकारी नामित किया जाए। परियोजनाओं की साप्ताहिक/पाक्षिक समीक्षा की जाए, जिससे उन्हें गुणवत्तापूर्ण ढंग से निर्धारित समय-सीमा में पूरा कराया जा सके। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों की भौतिक प्रगति की जानकारी देते हुए यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट भेजें। शासन स्तर पर भी प्रकरण लंबित न रहें और स्वीकृत धनराशि समय से जारी होनी चाहिए।

ये है मुगल म्यूजियम : शिल्पग्राम के नजदीक विद्युत विभाग की सीमेंटेड पोल फैक्ट्री की 5.9 एकड़ जमीन पर बन रहे मुगल म्यूजियम का शिलान्यास पांच जनवरी, 2016 को तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया था। इसमें आर्ट गैलरी बनाने का प्रस्ताव था। 141.89 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट पर अब तक 94 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। यह उत्तर प्रदेश का पहला सरकारी भवन है, जिसमें प्री-कास्ट टेक्निक का उपयोग हो रहा है। 21 सितंबर, 2019 को आए पर्यटन मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी ने इसके औचित्य पर सवाल उठाए थे। बाद में उन्होंने म्यूजियम के संचालन के लिए बिजनेस प्लान मांगा था। पिछले सात माह से यहां काम रुका हुआ है।

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