अखिलेश ने की दर्जा प्राप्त मंत्री हटाकर चेहरा बदलने की कवायद

लखनऊ (जागरण ब्यूरो)। अखिलेश सरकार का सूबे के ज्यादातर दर्जा प्राप्त मंत्रियों को एक साथ हटाने क

By Edited By: Publish:Sun, 26 Oct 2014 10:57 AM (IST) Updated:Sun, 26 Oct 2014 10:57 AM (IST)
अखिलेश ने की दर्जा प्राप्त मंत्री हटाकर चेहरा बदलने की कवायद

लखनऊ (जागरण ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार का सूबे के ज्यादातर दर्जा प्राप्त मंत्रियों को एक साथ हटाने का फैसला चौंकाने वाला जरूर है, लेकिन इसने संकेत दिए हैं कि मिशन 2017 के लिए समाजवादी पार्टी अब चेहरा बदलने की कवायद में जुट गई है। पार्टी ने फैसले से यह संकेत देने की कोशिश भी की है कि संगठन के फैसलों पर सख्ती से अमल होगा। इसके बहाने उन नेताओं को भी अब चेतावनी मिल गई है जिन पर कुछ खास मामलों को लेकर अराजकता के आरोप थे।

दर्जा प्राप्त मंत्रियों के मामले में समाजवादी सरकार ने कदम आगे बढ़ाने, फिर पीछे खींचने और अंतत: अंतिम निर्णय लेने जैसा काम किया है। मई में जब 37 दर्जा प्राप्त मंत्रियों को हटाया गया था, उस समय ही यह माना गया था कि इस संख्या में इजाफा हो सकता है। बाद में बर्खास्त तीन नेता को पद पर बहाल कर दिया गया। इस बीच पार्टी फोरम में गद्दारों की बात उठने ने इस मुद्दे को नए सिरे से तूल दे दिया। हालांकि इसके बावजूद दर्जा प्राप्त मंत्रियों को ही जिलों में प्रेक्षक बनाकर भेज दिया गया।

इस बीच दर्जा प्राप्त मंत्रियों की कारगुजारियों से समाजवादी पार्टी के विधायकों, मंत्रियों से लेकर नौकरशाहों के बीच सामंजस्य नहीं होने की शिकायतें बढ़ रही थीं। दर्जाधारियों के ठेका-पट्टा में संलिप्त होने और अधिकतर का कोई जनाधार नहीं होने की बात पार्टी फोरमों पर उठ रही थीं। एक दिन पहले ही एक दर्जा प्राप्त मंत्री के पिता की एक दारोगा को धौंस में लेने की बात ने भी मुख्यमंत्री को इस मुद्दे पर संजीदा किया। चूंकि राष्ट्रीय अधिवेशन में भी दर्जामंत्रियों की कारगुजारियों से सरकार व पार्टी की छवि खराब होने की बात उठी थी, इसी कारण अब कड़े कदम उठाना अनिवार्य हो चला था। माना जा रहा है मुख्यमंत्री ने दर्जा प्राप्त मंत्रियों की एकमुश्त बर्खास्ती के जरिए सरकार की छवि बेहतर करने का न सिर्फ प्रयास किया बल्कि यह संदेश भी दिया है कि मिशन-2017 की राह में पार्टी अब कोई समझौता नहीं करेगी।

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