उत्तर प्रदेश की दो सीटों पर उपचुनाव की तारीखों का ऐलान, आजम खां के बेटे की सदस्यता जाने के बाद सीट हुई थी खाली

कर्नाटक में विधामसभा चुनावों की तारीखों के ऐलान के साथ उत्तर प्रदेश की भी दो सीटों पर उपचुनाव की तिथियों की घोषणा कर दी है। चुनाव आयोग के अनुसार रामपुर की स्वार टांडा विधानसभा सीट और मिर्जापुर की छानबे सीट पर 10 मई को वोट डाले जाएंगे।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Wed, 29 Mar 2023 12:52 PM (IST) Updated:Wed, 29 Mar 2023 12:52 PM (IST)
उत्तर प्रदेश की दो सीटों पर उपचुनाव की तारीखों का ऐलान, आजम खां के बेटे की सदस्यता जाने के बाद सीट हुई थी खाली
आजम खां के बेटे अब्दुल्ला की विधानसभा सदस्यता रद्द होने के बाद स्वार टांडा सीट हुई थी खाली

जागरण ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली: कर्नाटक में विधामसभा चुनावों की तारीखों के ऐलान के साथ उत्तर प्रदेश की भी दो सीटों पर उपचुनाव की तिथियों की घोषणा कर दी है। चुनाव आयुक्त की प्रेस कांफ्रेंस में दी गई सूचना के अनुसार रामपुर की स्वार टांडा विधानसभा सीट और मिर्जापुर की छानबे सीट पर 10 मई को वोट डाले जाएंगे, वहीं 13 मई को नतीजों का ऐलान किया जाएगा।

पिछले दिनों आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम खां की विधानसभा सदस्यता रद्द हुई थी। इसके बाद विधानसभा सचिवालय ने इस सीट को रिक्त घोषित कर दिया था। गौरतलब है कि मुरादाबाद की अदालत ने अब्दुल्ला को 2 साल की सजा सुनाई थी। वहीं, मिर्जापुर की छानबे सीट, विधायक राहुल कौल के निधन के बाद से खाली है।

स्वार टांडा सीट पर उपचुनाव

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम स्वार टांडा से विधायक थे।13 फरवरी को मुरादाबाद की अदालत ने उन्हें सरकारी कार्य में बाधा डालने और जाम लगाने के आरोप में दो साल की सजा सुना दी थी। 15 फरवरी को उनकी विधायकी रद्द करते हुए सीट रिक्त घोषित कर दी गई। अब यहां उपचुनाव होने जा रहा है। अब्दुल्ला आजम साल 2017 में पहली बार स्वार टांडा से विधायक चुने गए थे। तब नामांकन के दौरान ही उनकी उम्र को लेकर आपत्ति जताई गई थी।

उनके मुकाबले चुनाव लड़ रहे पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां का कहना था कि अब्दुल्ला की उम्र चुनाव लड़ने योग्य नहीं है। इसलिए उनका नामांकन पत्र खारिज किया जाए, लेकिन तब वह अपनी बात के समर्थन में कोई साक्ष्य पेश नहीं कर पाए थे। इस कारण अब्दुल्ला का नामांकन पत्र सही पाया गया।

बाद में नवेद मियां को अब्दुल्ला आजम की हाई स्कूल के प्रमाण पत्र की प्रतिलिपि मिल गई, जिसमें उनकी उम्र 25 साल से कम थी। इस पर नवेद मियां ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने दिसंबर 2019 में अब्दुल्ला की विधायकी रद्द कर दी, लेकिन हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अब्दुल्ला सुप्रीम कोर्ट चले गए। इस कारण उपचुनाव नहीं हो सका था।

साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में अब्दुल्ला फिर स्वार से चुनाव लड़े और जीते, लेकिन अब सजा होने के कारण उनकी विधायकी चली गई और उपचुनाव हो रहा है। इससे पहले उनके पिता आजम खां की भी विधायकी सजा होने के कारण चली गई थी और उपचुनाव में भाजपा जीत गई।

chat bot
आपका साथी