बसपा ने विधानसभा चुनाव वाले तीन राज्यों में झोंकी पूरी ताकत

प्रमुख पदाधिकारियों साथ बैठक के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में संगठन में उलटफेर करते हुए राज्यों में बेहद विश्वस्त लोगों को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Mon, 23 Jul 2018 08:30 AM (IST) Updated:Mon, 23 Jul 2018 10:41 AM (IST)
बसपा ने विधानसभा चुनाव वाले तीन राज्यों में झोंकी पूरी ताकत
बसपा ने विधानसभा चुनाव वाले तीन राज्यों में झोंकी पूरी ताकत

लखनऊ (जेएनएन)। छत्तीसगढ़ के साथ ही मध्य प्रदेश व राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बहुजन समाज पार्टी बेहद गंभीर है। पार्टी ने इन सभी राज्य में होने वाले चुनाव में अभी से अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।

सभी राज्यों के प्रमुख पदाधिकारियों साथ बैठक के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में संगठन के स्तर पर बड़ा उलटफेर करते हुए इन राज्यों में अपने बेहद विश्वस्त लोगों को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। मध्य प्रदेश के स्टेट कोआर्डिनेटर एमएलसी अतर सिंह राव को हटा दिया गया है। वहां की जिम्मेदारी राज्यसभा सदस्य डॉ. अशोक सिद्धार्थ को सौंपी गई है। मायावती ने अपने विश्वस्त पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव राम अचल राजभर को पहले से ही मध्य प्रदेश में लगा रखा है। डॉ. अशोक अभी तक कर्नाटक व दक्षिण के अन्य राज्यों की जिम्मेदारी देख रहे थे। डॉ.अशोक के पास मध्यप्रदेश व कर्नाटक के साथ ही महाराष्ट्र व अंडमान एवं निकोबार की भी जिम्मेदारी रहेगी। मध्य प्रदेश से हटाये गए अतर सिंह राव को हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ का स्टेट कोआर्डिनेटर बनाया गया है।

हाल ही में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद से हटाये गए वीर सिंह एडवोकेट को मायावती ने दक्षिण भारत के राज्यों की जिम्मेदारी दी गई है। वह तमिलनाडु, केरल, तेलांगना और आंध्र प्रदेश के स्टेट को आर्डिनेटर रहेंगे। अन्य फेरबदल में उत्तर प्रदेश के कुछ जोन का प्रभार देख रहे राज्य सभा सदस्य मुनकाद अली को अब राजस्थान की जिम्मेदारी दी गई है, जबकि वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री लालजी वर्मा को छत्तीसगढ़ का स्टेट कोआर्डिनेटर बनाया गया है। लखीमपुर के रामजी गौतम को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी है। यह पद जयप्रकाश सिंह को हटाये जाने से रिक्त था।

उल्लेखनीय है कि बसपा प्रमुख ने एक दिन पहले ही पार्टी के नेताओं को चुनाव में जुट जाने का आह्वïान करते हुए गठबंधन की राजनीति पर कदम बढ़ाने का संकेत दिया था। इसी क्रम में उन्होंने चुनावी राज्यों में प्रबंधन की कमान अपने खास लोगों को सौंपी है। 

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