बसपा का शिक्षक और स्नातक एमएलसी चुनाव नहीं लड़ने का एलान Uttar Pradesh News

प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी विधान परिषद की शिक्षक और स्नातक सीटों पर चुनाव नहीं लड़ेगी। पुरानी नीति के तहत बसपा उपचुनाव और इस तरह के चुनाव से खुद को दूर रखती है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Sun, 15 Mar 2020 05:54 PM (IST) Updated:Sun, 15 Mar 2020 05:54 PM (IST)
बसपा का शिक्षक और स्नातक एमएलसी चुनाव नहीं लड़ने का एलान Uttar Pradesh News
बसपा का शिक्षक और स्नातक एमएलसी चुनाव नहीं लड़ने का एलान Uttar Pradesh News

लखनऊ, जेएनएन। लोकसभा चुनाव 2019 में समाजवादी पार्टी के साथ मैदान में उतरने वाली बहुजन समाज पार्टी अब मैदान छोड़ने में लगी है। प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी विधान परिषद की शिक्षक और स्नातक सीटों पर चुनाव नहीं लड़ेगी। शिक्षक तथा स्नातक क्षेत्र के विधान परिषद के 11 सदस्यों का कार्यकाल 6 मई 2020 को समाप्त हो रहा है। इन 11 सीटों पर चुनाव होने हैं। इसमें स्नातक और शिक्षक से जुड़ी सीटें भी शामिल हैं।

भाजपा, कांग्रेस तथा समाजवादी पार्टी के मैदान में उतरने से अब लड़ाई त्रिकोणीय ही रह जाएगी। बसपा ने मैदान छोड़ने की घोषणा पार्टी के संस्थापक स्वर्गीय कांशीराम के जन्मदिन पर की है। बहुजन समाज पार्टी स्नातक और शिक्षक चुनाव में शिरकत करने के स्थान पर विधानसभा चुनाव 2022 पर फोकस कर रही है। पार्टी अब अपनी क्षमता बूथ से संगठन तक को मजबूत करने में लगाएगी। उत्तर प्रदेश में जल्द होने वाले विधान परिषद के स्नातक व शिक्षक चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) हिस्सा नहीं लेगी। पुरानी नीति के तहत बसपा उपचुनाव और इस तरह के चुनाव से खुद को दूर रखती है।

उत्तर प्रदेश विधान परिषद में सदस्यों की संख्या सौ है। इसमें से 38 सदस्य विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों से, 36 सदस्य स्थानीय निकाय निर्वाचन क्षेत्रों से, आठ सदस्य शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों से और आठ सदस्य स्नातक निर्वाचन क्षेत्रों से चुने जाते हैं। इनके अलावा दस सदस्यों को मनोनीत किया जाता है।

भाजपा के साथ ही कांग्रेस तथा समाजवादी पार्टी विधान परिषद की शिक्षक और स्नातक सीटों पर चुनाव लडऩे जा रही है। भाजपा के साथ ही कांग्रेस व समाजवादी पार्टी ने इसके लिए अपने-अपने उम्मीदवारों का ऐलान भी कर दिया है। बसपा अब अपना पूरा फोकस आगामी विधानसभा 2022 चुनाव पर रखना चाहती है। 

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