बाराबंकीः पुलिसवालों द्वारा जिंदा जलाई गई महिला की मौत

बाराबंकी में पुलिसवालों द्वारा एक महिला को जिंदा जलाए जाने के बाद आज इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। महिला का लखनऊ के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था। दरअसल दुष्कर्म में विफल होने पर बाराबंकी के कोठी थानाध्यक्ष ने अपने सहयोगी दारोगा के साथ मिलकर उस महिला

By Ashish MishraEdited By: Publish:Mon, 06 Jul 2015 12:04 PM (IST) Updated:Tue, 07 Jul 2015 09:55 AM (IST)
बाराबंकीः पुलिसवालों द्वारा जिंदा जलाई गई महिला की मौत

लखनऊ। बाराबंकी में पुलिसवालों द्वारा एक महिला को जिंदा जलाए जाने के बाद आज इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। महिला का लखनऊ के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था। दरअसल दुष्कर्म में विफल होने पर बाराबंकी के कोठी थानाध्यक्ष ने अपने सहयोगी दारोगा के साथ मिलकर उस महिला को थाने में ही फूंक दिया था।

महिला अवैध हिरासत से अपने पति को छुड़ाने थाने गई थी, लेकिन पुलिसवालों ने उसके साथ दुष्कर्म करने की कोशिश की। जब वे उसमें सफल नहीं हुए तो उसे जिंदा ही फूंक दिया। झुलसी अवस्था में महिला को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालत गंभीर होने पर लखनऊ रेफर कर दिया गया, जहां उसकी मौत हो गई। पुलिस अधीक्षक ने आरोपी थानाध्यक्ष व दारोगा को निलंबित कर उनके खिलाफ उसी थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया।

ये है मामला

सोमवार को बाराबंकी के कोठी थाने के सामने आग से लिपटी महिला को देख हड़कंप मच गया। आग की लपटों से घिरी यह महिला चीखती थाने से बाहर आ रही थी। लोगों ने आग को बुझाया और थाने के सिपाही हीरा यादव व पंकज द्विवेदी ने महिला को उसके छोटे पुत्र नीरज के साथ थाने की गाड़ी से जिला अस्पताल पहुंचाया।

जहां चिकित्सक ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे लखनऊ रेफर कर दिया। गढ़ा बसंतपुर निवासी यह महिला आंगनबाड़ी कार्यकत्री नीतू द्विवेदी है। इसके पति राम नारायण द्विवेदी को कोठी पुलिस कल सुबह दस बजे से अवैध हिरासत में रखे थी। सोमवार सुबह वह अपने पुत्र नीरज के साथ पति को छुड़ाने थाने पहुंची थी।

पीडि़त नीतू ने बताया कि जब वह एसओ के कमरे में गई तो उससे पति को छोडऩे के लिए एक लाख रुपये की मांग की गई। पैसे देने में असमर्थता जाहिर करने पर दोनों ने सोने की चेन और अंगूठी छीन ली। इसके उपरांत दुष्कर्म का प्रयास किया। विरोध करने पर दोनों ने पेट्रोल डालकर मुझे आग लगा दी। भाग कर थाने के गेट पर पहुंची जहां लोगों ने आग बुझाई।

एसओ और एसआइ निलंबित----घटना की संवेदनशीलता देख जिला और पुलिस प्रशासन चौकन्ना हो गया। पुलिस अधीक्षक अब्दुल हमीद, एएसपी शफीक अहमद सीओ तौकीर अहमद खान ने थाने पहुंचकर घटना स्थल का जायजा लिया और बयान दर्ज किए। जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्रा एएसपी ज्ञानंजय सिंह पीडि़ता से मिले।

जांच पड़ताल के बाद पुलिस ने नीतू के पुत्र आशीष कुमार की तहरीर पर एसओ राय साहब यादव सहित एसआइ अखिलेश कुमार राय पर उत्पीडऩ, जान से मारने की धमकी और आत्महत्या के लिए उत्प्रेरित करने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। जिलाधिकारी ने बताया कि एसओ और एसआइ को निलंबित कर दिया गया है। पीडि़ता का पुत्र एक दैनिक समाचार पत्र में क्षेत्रीय संवाददाता है।

अवैध हिरासत---दो दिन पूर्व कोठी क्षेत्र में जान से मारने के मामले में पुलिस ने तीन लोगों पर हत्या के प्रयास में मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस का कहना है कि जिन पर मुकदमा दर्ज है उनमें से दो रामनारायण का रिश्तेदार हैं। इस कारण पूछताछ के लिए थाने पर लाया गया था।

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