जानलेवा बना चम्मच से दूध पिलाना, अचानक उखड़ने लगीं सांसें-मासूम की मौत

त्रिवेणीनगर की घटना : आठ माह के बच्चे को चम्मच से दूध पिला रही थी मां, पीठ, गर्दन सहलाने से भी नहीं हुआ लाभ तो उसे लेकर ट्रॉमा सेंटर पहुंचे।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Sun, 21 Oct 2018 10:31 AM (IST) Updated:Sun, 21 Oct 2018 10:31 AM (IST)
जानलेवा बना चम्मच से दूध पिलाना, अचानक उखड़ने लगीं सांसें-मासूम की मौत
जानलेवा बना चम्मच से दूध पिलाना, अचानक उखड़ने लगीं सांसें-मासूम की मौत

लखनऊ (जेएनएन)। मासूम बच्चे को लिटाकर मां चम्मच से दूध पिला रही थी, तभी उसकी सांस की नली में दूध अटक गया। इससे बच्चे की सांसें उखड़ने लगीं। आनन-फानन परिजन उसे लेकर ट्रामा सेंटर पहुंचे। डॉक्टरों ने इलाज किया, लेकिन मासूम को बचाया नहीं जा सका। इस घटना से परिवार में कोहराम मचा है। 

बताया जाता है कि त्रिवेणी नगर प्रथम की निवासी महिला अपने बेटे देवरस (आठ माह) को शुक्रवार दोपहर बेड पर लिटा कर चम्मच से दूध पिला रही थी। दो-तीन चम्मच दूध पीने के बाद अचानक बच्चे को हिचकी आने लगी। मां ने सिर से गर्दन तक सहलाया लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ। बल्कि बच्चा बेसुध होने लगा। इस पर तीमारदार उसे लेकर पहले निजी अस्पताल गए। जहां से उसे ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया। इमरजेंसी में डॉक्टरों ने उसे भर्ती किया। तत्काल बच्चे का सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिएशन) शुरू किया।

लेकिन दस मिनट बाद उसकी सांसें थम गईं। चिकित्सकों के अनुसार, बच्चे की मौत सांस की नली में दूध फंसने से हुई। गत एक साल में सांस की नली में दूध फंसने से छह बच्चों की जानें जा चुकी हैं। सितंबर में कैसरबाग यालीगंज के निवासी प्रमोद की बेटी खुशी (नौ माह) की बेड पर लिटाकर दूध पिलाने से मौत हो गई थी। दो माह पहले सआदतगंज में मासूम बच्चे को लिटाकर दूध पिलाते समय में मौत का मामला प्रकाश में आया था। जून में इंदिरानगर में भी एक बच्ची मौत इसी तरह हुई थी। इससे पहले भी तीन मामले ऐसे ही प्रकाश में आ चुके हैं। केजीएमयू के बाल रोग विभाग के अनुसार, बच्चों को लिटाकर दूध पिलाने से अक्सर सांस अवरुद्ध हो जाती है। अधिक समय सांस रुकने से बच्चे की तत्काल मौत भी हो सकती है।

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